
बंदरों को पकड़ने का बजट
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नोएडा प्राधिकरण ने शहर में बढ़ते बंदरों की समस्या को देखते हुए 29 लाख रुपये के बजट से बंदरों को पकड़ने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत लगभग 1000 बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाएगा। इस अभियान के लिए प्राधिकरण ने एक कंपनी के चयन हेतु टेंडर भी जारी किया है।
क्यों लिया गया बंदरों को पकड़ने का निर्णय?
नोएडा के पीएच-2 क्षेत्र, विशेषकर सेक्टर-94 और आसपास के गांवों में बंदरों की बढ़ती समस्या से स्थानीय नागरिक परेशान हो रहे हैं। बंदरों द्वारा उपद्रव मचाने की कई शिकायतें प्राधिकरण को प्राप्त हुई थीं। जीएम जन स्वास्थ्य एसपी सिंह के अनुसार, इन समस्याओं का समाधान करने के लिए पहले चरण में 1000 बंदरों को पकड़ने का लक्ष्य तय किया गया है।
बजट और बंदरों के पकड़ने पर आने वाला खर्च
प्रत्येक बंदर को पकड़ने, फीडिंग, और लॉजिस्टिक के लिए अनुमानित 2500 रुपये का खर्च निर्धारित किया गया है। इस खर्च में पिंजरे, भोजन, और बंदरों के परिवहन की लागत शामिल है। इसके साथ ही बंदरों के घायल होने पर उनके इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी।
बंदरों के भोजन और देखभाल की व्यवस्था
पकड़े गए बंदरों की देखभाल के लिए भी उचित प्रबंध किए गए हैं। रोजाना 1000 रुपये के बजट से बंदरों के भोजन के लिए चना, मूंगफली और केले की आपूर्ति की जाएगी। इससे वार्षिक भोजन की लागत लगभग 3.65 लाख रुपये तक आंकी गई है, जिसमें बंदरों को उचित पोषण प्रदान करने का लक्ष्य है।
लॉजिस्टिक समर्थन और उपकरण
प्राधिकरण ने बंदरों को पकड़ने के अभियान में पिंजरे और आवश्यक उपकरणों का भी प्रबंध किया है। इसमें टीम के लिए परिवहन सुविधा, पिंजरे, और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं, जिससे अभियान कुशलतापूर्वक पूरा हो सके। कंपनी का चयन होते ही यह योजना लागू की जाएगी और पहले फेज के बाद दूसरे चरण की कार्यवाही शुरू होगी।