
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर परीक्षण
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] । नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की परीक्षण उड़ानों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अनापत्ति प्रमाणपत्र न मिलने के कारण गंभीर अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। यदि 15 दिसंबर से पहले ट्रायल रन पूरा नहीं होता है तो इसका असर अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट से व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत पर पड़ सकता है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (यापल) ने 25 नवंबर तक डीजीसीए से यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने का प्रयास किया, लेकिन अब तक इसे प्राप्त नहीं किया जा सका है।
परीक्षण उड़ानों की आवश्यकता
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहले दिन से ही 35 विमान उड़ान भरेंगे, जिसमें 25 घरेलू और तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल होंगी। परीक्षण उड़ानों का उद्देश्य रनवे, उपकरणों और सुरक्षा प्रोटोकॉल की कार्यक्षमता की पुष्टि करना है। इन ट्रायल्स के बिना एयरपोर्ट की व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत संभव नहीं हो सकती।
डीजीसीए से अनुमति का महत्व
डीजीसीए जो भारत में नागरिक उड्डयन से संबंधित सभी मानकों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) का होना आवश्यक है। इस प्रमाणपत्र के बिना, एयरपोर्ट पर किसी भी प्रकार की परीक्षण उड़ान का आयोजन या व्यावसायिक संचालन करना संभव नहीं है। डीजीसीए की हरी झंडी मिलने के बाद ही यापल रनवे पर परीक्षण उड़ानों का आयोजन कर सकेगा।
तकनीकी तैयारी और उपकरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी जरूरी तकनीकी उपकरण जैसे कि कैट-1 और कैट-3 स्थापित किए जा चुके हैं, जो कोहरे और खराब मौसम में विमान की ऊंचाई और दृश्यता को मापने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) भी स्थापित किया जा चुका है। इस प्रणाली का परीक्षण 10 से 14 अक्टूबर तक किंग एयर 360 ईआर विमान के जरिए किया गया था।
संभावित असर और आगे की प्रक्रिया
यदि 15 दिसंबर तक ट्रायल रन पूरा नहीं हो पाता है तो इसका असर अप्रैल 2025 में व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत पर पड़ सकता है। यापल की ओर से इस संबंध में नायल (न्यू एयरलाइंस लिमिटेड) से पत्राचार भी किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट की योजना के अनुसार, यह ट्रायल रन बिना किसी देरी के अगले चरण के लिए जरूरी होगा, ताकि तय समय पर व्यावसायिक उड़ानों की शुरुआत हो सके।
भविष्य की योजनाएं और तैयारी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की निर्माण प्रक्रिया और परीक्षण उड़ानों की योजना में तेजी लाने के लिए सभी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। एयरपोर्ट के अधिकारियों का कहना है कि वे डीजीसीए से आवश्यक प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए निरंतर संवाद कर रहे हैं। इसके अलावा, सुरक्षा और तकनीकी परीक्षण को भी समय से पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।