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नोएडा,[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एनएमआरसी) ने अपनी शार्ट टर्म पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। अब मेट्रो स्टेशन पर उपलब्ध व्यावसायिक स्पेस का आवंटन टेंडर के बजाय ‘फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व’ के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना और मेट्रो स्टेशन से रेवेन्यू जनरेट करना है। एनएमआरसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर महेंद्र प्रसाद ने इस बदलाव की जानकारी दी और बताया कि यह कदम स्टार्टअप्स को समग्र रूप से सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है।
आवंटन के नए दिशा-निर्देश
नई पॉलिसी के अनुसार, अब एनएमआरसी के 21 मेट्रो स्टेशनों पर दो स्लैब के तहत व्यावसायिक स्पेस आवंटित किए जाएंगे। पहला स्लैब 5 मीटर तक का और दूसरा 1 से 10 मीटर तक का होगा। इन स्थानों का आवंटन ‘फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व’ के आधार पर किया जाएगा, यानी सबसे पहले आवेदन करने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।
आवंटी को प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 1,500 से 5,000 रुपये तक किराया चुकाना होगा। यह किराया अगले 5 सालों तक लागू रहेगा, और इसके बाद आवंटन की समीक्षा करके इसे बढ़ाया जा सकता है। इस पॉलिसी के तहत आवेदकों का वार्षिक टर्नओवर कम से कम 5 लाख रुपये होना चाहिए, ताकि वे व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकें। इस बदलाव के बाद एनएमआरसी को हर महीने लगभग 4.50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट होने की संभावना है।
मेट्रो पिलर पर विज्ञापन
एनएमआरसी ने रेवेन्यू जनरेशन के लिए मेट्रो पिलर्स पर विज्ञापन लगाने का भी निर्णय लिया है। यह प्रक्रिया अभी चल रही है। एनएमआरसी के अल्फा-1 मेट्रो स्टेशन पर पहले ही 6 एजेंसियां व्यावसायिक स्पेस के लिए आवेदन कर चुकी हैं। इसके अलावा, स्टेशन के भीतर और बाहर विज्ञापन के लिए बिड प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
को-ब्रांडिंग और मेट्रो स्टेशनों पर रेवेन्यू जनरेशन
एनएमआरसी के 21 मेट्रो स्टेशनों पर को-ब्रांडिंग की प्रक्रिया चल रही है। पहले से ही कई मेट्रो स्टेशनों पर को-ब्रांडिंग के जरिए रेवेन्यू जनरेट किया जा रहा है। इसके अलावा, सेक्टर-101, 81 और 83 जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी व्यावसायिक स्पेस के लिए रेवेन्यू जनरेशन की योजना है।