
यमुना प्राधिकरण की फाइल फोटो।
नोएडा, [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में कार्यालय, प्रशिक्षण संस्थान, शोध केंद्र और अन्य सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्राधिकरण से जमीन मांगी है। प्राधिकरण बोर्ड बैठक में अपना प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रहा है।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), गेल इंडिया लिमिटेड, उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी), संचार मंत्रालय, डाक विभाग और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) समेत नौ विभागों ने यहां सुरक्षा बटालियन और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और कार्यालय भवन और फायर स्टेशन बनाने के उद्देश्य से प्राधिकरण से एक से 120 एकड़ तक जमीन मांगी है।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने वीआईपी सुरक्षा बटालियन परिसर के लिए 25 एकड़ जमीन मांगी है, जबकि सीआईएसएफ ने प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए 100-120 एकड़ जमीन के लिए आवेदन किया है। ईपीएफओ ने कार्यालय भवन के लिए एक एकड़ जमीन मांगी है। गेल ने शोध एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए 25 एकड़ भूमि के लिए आवेदन किया है।
डाक विभाग ने डाकघर और कार्गो के लिए 2.5 एकड़ भूमि मांगी है। पीडब्ल्यूडी ने निरीक्षण भवन के लिए 4 एकड़ भूमि मांगी है। यूपी सड़क परिवहन निगम भी बस टर्मिनल वर्कशॉप और आवासीय परिसर के लिए भूमि की तलाश कर रहा है, जबकि अग्निशमन विभाग ने फायर स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि मांगी है।
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फिलहाल प्राधिकरण के पास ऐसी संस्थाओं को सीधे भूमि आवंटन के लिए कोई संरचित नीति नहीं है। हालांकि, पुलिस विभाग और बिजली सबस्टेशनों के लिए अलग-अलग आवेदनों और बोर्ड से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद आवंटन पहले ही किए जा चुके हैं। डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के विभागों के लिए प्रस्ताव 27 सितंबर को बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा, मंजूरी मिलने पर सरकारी संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विभिन्न क्षेत्रों में 20 भूखंडों का चयन
प्राधिकरण ने अब तक केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के लिए आवासीय, संस्थागत और औद्योगिक क्षेत्रों में 20 भूखंडों का चयन किया है। इनके आवंटन पर विचार किया जा रहा है। मुख्य डाकघर के लिए सेक्टर 22ए-22डी में 2.5 एकड़।
सेक्टर-17 में शोध एवं विकास केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र के लिए 6.26 एकड़। वहीं, संस्थागत के लिए सेक्टर 17ए में 15 एकड़ भूमि मिल गई है। सेक्टर 13 में 10 एकड़ से लेकर 20 एकड़ तक के भूखंडों के साथ मिश्रित भूमि शामिल है। इसके अलावा सेक्टर-18, 17बी और 21 में ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भूमि आवंटित करने की योजना है। कुल मिलाकर यह भूमि 400 एकड़ से अधिक है।
फायर स्टेशन के लिए चार सेक्टरों में भूखंड
सेक्टर-18, 20 और 22ए व 22डी में फायर स्टेशन के लिए भूखंड प्रस्तावित किए गए हैं। इनका आकार 7485 वर्गमीटर से लेकर 14,500 वर्गमीटर तक है। इसके लिए सेक्टर-32 (औद्योगिक) में भी भूखंड चिह्नित किया गया है।
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