
सीबीआइ की फाइल फोटो।
नई दिल्ली [TV47 न्यूजनेटवर्क] । मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET को लेकर चल रहे विवाद के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने UGC-NET को रद करने का फैसला लिया है। परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच CBI को सौंपी है। केंद्र सरकार का यह ऐलान NTA ने पेपर लीक की खबरें आने के बाद किया है। गौरतलब है कि UGC-NET की परीक्षा रद होने के बाद विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
खास बात यह है कि मंत्रालय का यह फैसला मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET पर कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे बड़े विवाद के बीच आया है। इस पर अभी शीर्ष अदालत सुनवाई जारी है। मंत्रालय ने कहा कि 19 जून, 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर क्राइम कार्डिनेशन सेंटर की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से इस परीक्षा को लेकर कुछ जानकारियां मिलीं। इन जानकारियों से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि उक्त परीक्षा की शुचिता से संभवतः समझौता किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस परीक्षा प्रक्रिया की उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है। इसी के तहत यह निर्णय लिया गया है। अब UGC-NET जून 2024 परीक्षा रद कर एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके लिए प्रतिभागी छात्रों को आगे की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। इस क्रम में मंत्रालय ने कहा कि पहले की परंपरा से हटकर, इस बार NET एक ही दिन – 18 जून को पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित की गई। इसमें रिकार्ड 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था।
परीक्षा रद होने की सूचना शिक्षा मंत्रालय ने ट्वीट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा जा रहा है। सरकार परीक्षाओं की पवित्रता बरकरार रखने और छात्रों के हित की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने इस संदेश में केंद्र सरकार ने यह आश्वस्त किया है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नेट परीक्षा में धांधली मामले में जिम्मेदार पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नीट परीक्षा को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। पेपर लीक होने के तार बिहार जैसे राज्यों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। NEETप्रश्नपत्र लीक होने और प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितता के आरोपों के चलते कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई राज्यों के उच्च न्यायलयों और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं हैं।