
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़
प्रयागराज [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से शनिवार रात को भारी भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 18 लोगों की जान चली गई। कई यात्री महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आने वाली थी, लेकिन ऐन मौके पर इसका प्लेटफॉर्म बदल दिया गया।
2. रेलवे का पक्ष: क्या वाकई प्लेटफॉर्म बदला गया था?
रेलवे अधिकारियों ने इस घटना पर सफाई देते हुए कहा कि किसी भी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला नहीं गया था। उत्तर रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, ‘कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई थी और ना ही किसी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला गया था।’ हालांकि, यात्रियों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से अलग तस्वीर सामने आ रही है।
3. प्लेटफॉर्म बदलने की प्रक्रिया कौन तय करता है?
भारतीय रेलवे में किसी भी ट्रेन के प्लेटफॉर्म तय करने और उसे बदलने का फैसला रेलवे के डिस्पैच ऑफिसर (Dy. Station Superintendent) और ट्रैफिक कंट्रोलर द्वारा लिया जाता है।
प्लेटफॉर्म तय करने की प्रक्रिया
- रेलवे की सॉफ्टवेयर प्रणाली से प्लेटफॉर्म का निर्धारण किया जाता है।
- ट्रेनों की आवाजाही, समय और स्टेशन पर उपलब्ध स्थान के आधार पर यह तय किया जाता है।
- अचानक किसी ट्रेन के लेट होने, ट्रैक क्लीयरेंस में समस्या या तकनीकी खराबी की वजह से बदलाव किया जाता है।
4. प्लेटफॉर्म बदलाव की अनाउंसमेंट का प्रभाव
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के वेंडर रवि कुमार ने बताया, ‘शनिवार को स्टेशन पर असाधारण भीड़ थी। जैसे ही ट्रेनें प्लेटफॉर्म पर लगनी शुरू हुईं, अनाउंसमेंट हुआ और यात्री दौड़ने लगे। इसी भगदड़ में लोग दब गए और हादसा हो गया।’
5. रेलवे स्टेशन पर भगदड़ क्यों होती है?
रेलवे स्टेशन पर भगदड़ होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- अचानक प्लेटफॉर्म बदलाव – यात्रियों को ट्रेन पकड़ने की जल्दी होती है, जिससे वे तेजी से प्लेटफॉर्म बदलने लगते हैं।
- अव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन – स्टेशनों पर अधिक भीड़ होने पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं होते।
- कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर – ओवरब्रिज और सीढ़ियां अधिक भीड़ के भार को सहन नहीं कर पातीं।
- अफवाहों का असर – कभी-कभी अफवाहें भी भगदड़ का कारण बन जाती हैं।
6. पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची हो।
- 2017 – मुंबई एलफिंस्टन ब्रिज हादसा: भारी बारिश के दौरान हुए भगदड़ में 23 लोगों की मौत हो गई थी।
- 2018 – पटना रेलवे स्टेशन भगदड़: छठ पूजा के दौरान भीड़ बढ़ने के कारण प्लेटफॉर्म पर भगदड़ मच गई थी।
- 2021 – प्रयागराज कुंभ मेला: बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से प्लेटफॉर्म पर भीड़ बढ़ गई थी, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी।
7. रेलवे को क्या सुधार करने चाहिए?
रेलवे में भीड़ नियंत्रण और यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित सुधार किए जा सकते हैं:
- प्लेटफॉर्म बदलाव की पूर्व सूचना: रेलवे को यात्रियों को एसएमएस या मोबाइल एप के जरिए पहले से जानकारी देनी चाहिए।
- ओवरब्रिज की संख्या बढ़ाना: अधिक संख्या में फुटओवर ब्रिज और एस्केलेटर लगाए जाने चाहिए।
- सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना: सीआईएसएफ या रेलवे पुलिस को स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण में लगाया जाए।
- इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीनिंग: रेलवे को ट्रेन की वास्तविक स्थिति और प्लेटफॉर्म नंबर को डिस्प्ले बोर्ड पर प्रमुखता से दिखाना चाहिए।
- आपातकालीन निकास मार्ग: स्टेशनों पर पर्याप्त आपातकालीन निकास बनाए जाएं ताकि आपदा के समय लोगों को बाहर निकाला जा सके।