
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल के डाक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पोटस्मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो सकेगा कि यह सुसाइड है या आत्महत्या।
बिजनौर में जेल अधीक्षक बहन अदिति श्रीवास्तव की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने देर रात एसआरएन अस्पताल के जूनियर डाक्टर शिवम गुप्ता, आर्थो विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सचिन यादव, नेत्र विशेषज्ञ डा. अनामिका के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया।
अदिति का आरोप है कि जब उनका भाई कार्तिकेय जेआर-1 था, तभी से द्वितीय वर्ष के सीनियर शिवम गुप्ता के द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। इस बारे में सचिन यादव को बताया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। भाई की बीमारी के बारे में जानते हुए भी सचिन व शिवम लगातार परेशान कर रहे थे।
पहले अनामिका उसके भाई की दोस्त थी, लेकिन एक साल से बातचीत बंद थी। एक बार बात हुई तो अनामिका ने कहा कि उसकी दोस्ती किसी और से हो गई है। आशंका जताई कि अनामिका के ब्वायफ्रेंड द्वारा कार्तिकेय को रास्ते से हटाने के लिए कोई कदम उठाया गया होगा।
पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है। नामजद आरोपित डाक्टरों के खिलाफ साक्ष्य संकलित करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मौके पर DCP सिटी अभिषेक भारती ACP मनोज सिंह और एसपी श्वेताभ पाण्डेय मौके पर पहुंचे ,जांच में ये बात सामने आई की मृतक डॉक्टर ने अपने हाथ पर इंजेक्शन लगाया था, जिससे उनकी मौत हुई। पुलिस ने बॉडी क़ब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पोस्टमार्टम के बाद साफ होगा की डॉक्टर की मौत इंजेक्शन लगाने की वजह से हुई या फिर किसी और चीज़ से। पुलिस जांच में प्रथम दृष्ट्या केस सुसाइड का ही है। पुलिस मृतक डॉक्टर के परिचितों से जानकारी ले रही है की आखिर क्या वजह रही जिससे डॉक्टर ने आत्महत्या की।