
इलाहाबाद उच्च न्यायालय
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। ‘आल्ट न्यूज’ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने गाजियाबाद में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। यह मामला पिछले महीने एक विवादास्पद टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जो यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर था।
क्या है आरोप
गाजियाबाद में दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने तीन अक्टूबर 2024 को यति नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम का वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में यति नरसिंहानंद पर विवादास्पद बयान देने का आरोप था, जिससे धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलने की संभावना जताई गई। इसके अलावा, जुबैर पर ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर यति के संपादित वीडियो पोस्ट करने का भी आरोप था, जिसमें कथित रूप से पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।
क्या है जुबैर की रिट याचिका
जुबैर ने अपनी रिट याचिका में कहा कि उनका पोस्ट किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता था, बल्कि यह पुलिस को यति नरसिंहानंद के बयानों के बारे में सचेत करने का एक तरीका था। उन्होंने यह भी दावा किया कि यति नरसिंहानंद ने पहले भी धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले बयान दिए थे, जिससे समाज में विवाद पैदा हो सकता था।
इसके अलावा, जुबैर ने यह भी बताया कि यति नरसिंहानंद को पहले से ही एक अन्य मामले में जमानत मिल चुकी थी, जिसमें यह शर्त थी कि वह कोई ऐसा बयान नहीं देंगे जो सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सके।
भारतीय दंड संहिता में आरोप
मोहम्मद जुबैर पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें 196 (धर्म के आधार पर वैमनस्य बढ़ाना), 228 (झूठे साक्ष्य तैयार करना), 299 (धार्मिक भावनाएं भड़काने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण कार्य), और 351 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं।
उच्च न्यायालय में सुनवाई
इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा अगले सप्ताह की जाने की संभावना है। जुबैर ने अदालत से प्राथमिकी रद करने और उत्पीड़न से सुरक्षा देने की मांग की है। साथ ही, यह भी कहा गया कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय में लंबित है, जिसमें उन्हें पैगंबर मोहम्मद और कुरान के खिलाफ बयानबाजी करने से रोका जाने की मांग की गई है।