
मोबाइल टावर की फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। शहर में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नीति में बदलाव किया है। अब शॉपिंग सेंटर, स्कूल और नर्सिंग होम की छत पर मोबाइल टॉवर स्थापित नहीं हो सकेंगे, जबकि वाणिज्यिक, संस्थागत और औद्योगिक भवनों के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट, पार्क, सामुदायिक केंद्र, अस्पतालों पर टावर स्थापित करने के लिए पहले प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी। अब टॉवर लगाने के लिए लीज के बजाय एग्रीमेंट होगा।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक शहर में टॉवर स्थापित करने के लिए 90 वर्ष की लीज पर जगह दी जा रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। प्राधिकरण कंपनी को किराये पर जगह देगी, जिसका अधिकतम 20 वर्ष का एग्रीमेंट बनेगा। मोबाइल टावरों को वाणिज्यिक और संस्थागत भवनों, औद्योगिक क्षेत्रों और पार्कों और ग्रीन बेल्ट जैसे सार्वजनिक स्थानों में स्थापित किया जा सकता है।
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जगह चिह्नित करने के बाद कंपनी को मोबाइल टॉवर स्थापित करने के लिए पर्यावरण समेत ऊंची इमारतों के लिए विभिन्न प्रकार के अनापत्ति पत्र और बिल्डिंग के स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, बिल्डिंग की मजबूती के आधार पर ही छत पर टॉवर लगाने की अनुमति दी जाएगी।
यदि किसी टावर को ग्रीन बेल्ट या पार्कों में स्थापित किया जाना है, तो ऑपरेटरों को टावर बनाने के लिए अधिकतम 25 वर्ग मीटर आवंटित किया जाएगा, जिसे मंजूरी के छह महीने के भीतर चालू करना होगा। ऑपरेटर ही निर्माण का वहन करेंगे, जिसमें गार्ड रूम, डीजल जनरेटर (डीजी सेट) और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसी सुविधाएं विकसित करनी होगी।