
इलाहाबाद हाईकोर्ट। फाइल फोटो।
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]– इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ को महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। अदालत ने उन्हें 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने के अनुरोध की प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
अदालत का आदेश
बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के अंदर आधिकारिक राजपत्र में इस याचिका के वापस लेने का प्रकाशन करवाना होगा। उन्होंने कहा कि याचिका को प्रकाशन के 15वें दिन सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
अदालत ने स्पष्ट किया कि गोरखनाथ द्वारा दायर चुनाव याचिका को वापस लेने का अनुरोध इलाहाबाद उच्च न्यायालय नियमावली-1952 के अध्याय 15 नियम 10 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 109 एवं 110 के तहत किया गया है।
उपचुनाव की संभावनाएं
गोरखनाथ ने अदालत में कहा कि वह मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का रास्ता साफ करने के लिए अपनी याचिका वापस ले रहे हैं। ज्ञात हो कि इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद की जीत के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई है। निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है, लेकिन मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का कार्यक्रम अभी तक घोषित नहीं हुआ है, क्योंकि मामला अदालत में लंबित है।
याचिका का शेड्यूल
गोरखनाथ की याचिका में आरोप लगाया गया था कि अवधेश प्रसाद द्वारा दाखिल किए गए नामांकन में जिस व्यक्ति से नोटरी कराया गया था, उसका नोटरी का लाइसेंस पांच वर्ष पूर्व निरस्त हो चुका था। उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, नोटरी के वकील के लिए दस्तावेज प्रमाणीकरण के दिन लाइसेंस होना अनिवार्य है।
सपा का उम्मीदवार
इस बीच, सपा ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। अवधेश प्रसाद ने कहा कि गोरखनाथ को नैतिक रूप से अपनी याचिका वापस ले लेनी चाहिए थी, क्योंकि उन्होंने मिल्कीपुर सीट पहले ही खाली कर दी थी।