
Meerapur By- Election File Photo
लखनऊ,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश में मीरापुर विधानसभा सीट पर चल रहे उपचुनाव के दौरान बुधवार को एक विवाद खड़ा हो गया। समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के बीच बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान को लेकर तीखे आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी। सपा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी मतदाताओं को मतदान करने से रोक रहे हैं, जबकि भाजपा ने कहा कि बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे।
सपा ने पुलिस पर लगाया आरोप
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मीरापुर विधानसभा क्षेत्र की पार्टी उम्मीदवार सुम्बुल राणा ने आरोप लगाया कि पुलिस मतदाताओं को वोट डालने से रोक रही थी। राणा ने दावा किया कि ककरौली, नयागांव, नगला बुजुक और अन्य क्षेत्रों से इस तरह की शिकायतें आ रही थीं। उनका कहना था कि पुलिस पहले एक पहचान पत्र मांगती थी, फिर दूसरा, और फिर भी मतदान नहीं करने दिया जा रहा था। उन्होंने इस संदर्भ में वीडियो साक्ष्य भी साझा किए और उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से दंडात्मक कार्रवाई की अपील की।
भा.ज.पा. का आरोप और निर्वाचन आयोग से मांग
भा.ज.पा. के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सपा और अखिलेश यादव उपचुनावों में हार से डर गए हैं, इसलिए वे बाहरी उपद्रवी तत्वों को मतदान क्षेत्रों में इकट्ठा कर रहे हैं। शुक्ला ने यह भी दावा किया कि बुर्का पहने महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे थे, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठे। भाजपा ने निर्वाचन आयोग से अपील की कि बिना पहचान पत्र के मिलान के कोई भी महिला मतदान न कर पाए।
चुनावी प्रशासन पर भी आरोप
इसके अलावा, सपा ने मुरादाबाद की कुंदरकी सीट समेत अन्य क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाए। सपा ने दावा किया कि पार्टी एजेंटों को मतदान केंद्रों के पास अपना ‘बस्ता’ लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। हालांकि, मुरादाबाद के जिलाधिकारी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि मतदान सुचारू रूप से चल रहा है और कोई भी मतदाता परेशान नहीं हो रहा है।