
महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामला
प्रयागराज [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या मामले में आरोपी आनंद गिरि के पिता के बयान पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी जी ने गहरी पीड़ा व्यक्त की है। महाकुंभ के दौरान महंत रविंद्र पुरी जी को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा, इसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। इस विवादास्पद आरोप के संदर्भ में महंत रविंद्र पुरी जी ने TV 47 न्यूज नेटवर्क से संत हृदय और संतोषपूर्ण भाषा में अपने विचार प्रकट किए।
- महंत रविंद्र पुरी जी ने कहा, “महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या से पूरा परिवार शोकाकुल है। इस दुख की घड़ी में परिवार के कुछ सदस्यों द्वारा संदेह व्यक्त किया जाना स्वाभाविक है। मैं उनकी मनोदशा और भावनाओं को समझ सकता हूं। उस समय भी और आज भी, मैं परिवार के साथ खड़ा हूं।” उन्होंने आगे कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर वह किसी प्रकार की चिंता नहीं कर रहे हैं, क्योंकि मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है। उन्होंने कहा, “सीबीआई अपना कार्य कर रही है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि सच जल्द ही सबके सामने आ जाएगा।”
- महंत रविंद्र पुरी ने इस पूरे प्रकरण को केवल व्यक्तिगत आरोपों तक सीमित न रखते हुए इसे अखाड़ा परिषद की प्रतिष्ठा से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, “यह मामला न केवल एक संत की प्रतिष्ठा का है, बल्कि अखाड़ा परिषद जैसी संस्था की साख का भी प्रश्न है। इसीलिए मैं अपील करता हूं कि सीबीआई इस मामले की जांच तेजी से पूरी करे और स्थिति को स्पष्ट करे।” उन्होंने विश्वास जताया कि जांच के बाद न केवल परिवार को न्याय मिलेगा, बल्कि सच सामने आने से समाज में व्याप्त शंकाओं का भी समाधान होगा।
- महंत रविंद्र पुरी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि ऐसे आरोप और विवाद संत समाज की छवि को धूमिल करते हैं। उन्होंने कहा, “हम सभी को यह समझने की आवश्यकता है कि सच्चाई और न्याय ही संत समाज की नींव है। मेरी अपील है कि इस जांच को निष्पक्षता और जल्दबाजी के साथ पूरा किया जाए।”
- महाकुंभ के शुभ अवसर पर इस प्रकार के विवादों का सामने आना, न केवल महंत रविंद्र पुरी जी के लिए, बल्कि पूरे संत समाज के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब संत समाज को समाज के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए, इस तरह के विवाद हमारी ऊर्जा और उद्देश्य को प्रभावित करते हैं। लेकिन हमें विश्वास रखना चाहिए कि सत्य की विजय होगी।”
- महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के बाद से ही संत समाज में कई सवाल खड़े हुए हैं। अखाड़ा परिषद के अन्य सदस्यों और संतों ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। महंत रविंद्र पुरी ने अपने वक्तव्य में यह भी स्पष्ट किया कि संत समाज की परंपराएं और उसकी प्रतिष्ठा सर्वोपरि हैं और किसी भी प्रकार का आरोप या विवाद इस आधार को कमजोर नहीं कर सकता।
- यह मामला संत समाज और समाज दोनों के लिए एक परीक्षा की घड़ी है। महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या प्रकरण में सीबीआई की जांच का निष्कर्ष क्या होगा, यह समय ही बताएगा। उन्होंने कहा कि सत्य की जीत अवश्य होगी और संत समाज की प्रतिष्ठा कायम रहेगी। समाज को इस घड़ी में संयम और धैर्य बनाए रखना चाहिए और जांच एजेंसियों पर विश्वास करना चाहिए।
- महंत रविंद्र पुरी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा, “हम सभी को सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। केवल यही मार्ग हमें इस कठिन समय से बाहर निकाल सकता है और समाज में शांति और संतुलन स्थापित कर सकता है।”
आखिर क्या है पूर मामला
गुरुवार को आरोपी आनंद गिरि के पिता ने लगाया रवींद्र पुरी पर साजिश का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटे आनंद गिरि निर्दोष हैं और रवींद्र पुरी ने उन्हें फंसाने के लिए साजिश रची। बता दें कि 20 सितंबर, 2021 को महंत नरेंद्र गिरि का शव मठ के कमरे में रस्सी के फंदे से लटकता मिला था। अब जेल में बंद आनंद गिरि के पिता रामेश्वर लाल चोटिया और उनके भाई शंकर लाल ने आरोप लगाया है कि आनंद गिरि को फंसाने के लिए रवींद्र पुरी ने साजिश की है। जिस वक्त नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की थी, उस वक्त आनंद गिरि हरिद्वार में रविंद्रपुरी के साथ थे।