
महाकुंभ में पहली बार प्रयोग हो सोनार सिस्टम का उपयोग
प्रयागराज [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। महाकुंभ 2025 के आयोजन को और अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए पहली बार सोनार सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है। यह तकनीक पानी के भीतर छिपी वस्तुओं को पहचानने और उन्हें बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के प्रभारी महानिरीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने इस नई पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2025 में सोनार सिस्टम का प्रयोग एक ऐतिहासिक कदम है जो आयोजन की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाएगा। यह तकनीक न केवल पानी के भीतर की चुनौतियों को हल करने में मदद करेगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी अधिक सुरक्षित वातावरण प्रदान करेगी। आइए जानते हैं इस सोनार सिस्टम की खूबियां
सोनार सिस्टम क्या है?
सोनार (SONAR: Sound Navigation and Ranging) एक ऐसी तकनीक है जो ध्वनि तरंगों का उपयोग कर पानी के भीतर वस्तुओं का पता लगाती है। यह तकनीक समुद्री सुरक्षा और खोज एवं बचाव अभियानों में प्रचलित है।
मुख्य कार्य
- पानी के भीतर वस्तुओं का पता लगाना।
- गहराई मापना।
- जल सुरक्षा सुनिश्चित करना।
महाकुंभ में सोनार सिस्टम का महत्व
महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में, जहां करोड़ों श्रद्धालु संगम पर स्नान करते हैं, पानी के भीतर सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सोनार सिस्टम की मदद से:
- गहराई में छिपी वस्तुओं की पहचान: पानी के नीचे छिपी वस्तुएं, जिन्हें खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता, आसानी से पता लगाई जा सकती हैं।
- गोताखोरों की सहायता: सोनार सिस्टम द्वारा पहचान की गई वस्तुओं को गोताखोर आसानी से बाहर निकाल सकते हैं।
- जल सुरक्षा: किसी भी संभावित खतरे को पहले ही पहचान कर उसे निष्प्रभावी किया जा सकता है।
सोनार सिस्टम की कार्यप्रणाली
- ध्वनि तरंगों का उत्सर्जन: सिस्टम पानी में ध्वनि तरंगें भेजता है।
- प्रतिध्वनि का विश्लेषण: तरंगें किसी वस्तु से टकराकर वापस लौटती हैं, जिसे सिस्टम विश्लेषित करता है।
- ऑब्जेक्ट की स्थिति का निर्धारण: सिस्टम वस्तु की गहराई और स्थिति की सटीक जानकारी प्रदान करता है।
सोनार सिस्टम के फायदे
- तेज और प्रभावी खोज: पानी के भीतर वस्तुओं को तेजी से ढूंढने की क्षमता।
- खतरे की रोकथाम: संभावित खतरनाक वस्तुओं की पहचान और उन्हें हटाने की प्रक्रिया।
- आधुनिक तकनीक का प्रयोग: महाकुंभ जैसे पारंपरिक आयोजन में नई तकनीक का समावेश।
अन्य सुरक्षा प्रबंध
- महाकुंभ 2025 के दौरान सुरक्षा के लिए कई अन्य आधुनिक तकनीकों और उपायों को लागू किया जा रहा है।
- सीसीटीवी कैमरे: आयोजन स्थल पर निगरानी के लिए।
- ड्रोन कैमरे: भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा की निगरानी के लिए।
- आपातकालीन गोताखोर टीमें: तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए।
- जल पुलिस और नावों की तैनाती: सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
यह भी पढ़ें : महाकुंभ में परमाणु हमले से भी निपटने को तैयार मेला का सुरक्षा तंत्र ? तैयारी जानकर दंग रह जाएंगे आप