
प्रयागराज में बोले पीएम नरेंद्र मोदी
प्रयागराज,[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ के शुभारंभ के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ हमारी आस्था, अध्यात्म और संस्कृति का दिव्य महोत्सव है। इस बार महाकुंभ में एकता का महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में एकता और भाईचारे का प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी के इस संबोधन ने महाकुंभ को न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय एकता का आयोजन भी बना दिया है।
महाकुंभ और उसकी धार्मिक महत्वता
महाकुंभ, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, हर 12 साल में आयोजित होता है। यह मेला गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम पर होता है, जो प्रयागराज का महत्वपूर्ण स्थल है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं, जो उन्हें आत्मिक शुद्धता और मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास दिलाता है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में महाकुंभ के धार्मिक महत्व को स्पष्ट किया और इसे भारतीय संस्कृति की जड़ और शक्ति का प्रतीक बताया। उनका कहना था कि महाकुंभ के दौरान देशभर से लाखों लोग एक स्थान पर एकत्रित होते हैं, जो भारतीय समाज की विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है।
एकता का महायज्ञ
इस बार महाकुंभ में ‘एकता का महायज्ञ’ आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देशवासियों के बीच एकता और भाईचारे का संदेश फैलाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह महाकुंभ भारत की विविधता में एकता का सबसे बड़ा प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के इस आयोजन से भारतीय समाज में एकजुटता और प्रेम की भावना बढ़ेगी, जो देश के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी।
यह महायज्ञ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक होगा। पीएम मोदी के अनुसार, यह आयोजन भारत के आत्मविश्वास और सामूहिक शक्ति को प्रदर्शित करेगा।
प्रयागराज के विकास कार्यों का लोकार्पण
पीएम मोदी ने महाकुंभ के शुभारंभ के अवसर पर प्रयागराज में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इनमें प्रमुख रूप से सड़कें, पुल, स्वास्थ्य सुविधाएं और पर्यटन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से प्रयागराज के विकास में एक नई दिशा मिलेगी और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन से न केवल धार्मिक महत्व बढ़ेगा, बल्कि यह प्रयागराज के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी योगदान करेगा। इस मौके पर उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों का धन्यवाद करते हुए इन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक लागू होने की उम्मीद जताई।
महाकुंभ का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
महाकुंभ के आयोजन का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव व्यापक है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रोत्साहित करता है। पीएम मोदी ने महाकुंभ को एक बड़ा सांस्कृतिक समागम और वैश्विक धार्मिक उत्सव के रूप में देखा, जो भारत को विश्व पटल पर एक सकारात्मक और प्रबुद्ध राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करता है।