
फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाने में व्यापारी मोहित पांडेय की हिरासत में मौत से राज्य में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इस घटना के बाद परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिसमें मुख्यमंत्री ने परिवार को मुआवजा, आवास और बच्चों की निःशुल्क शिक्षा और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया।
चिनहट पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया
मोहित पांडेय (30) को चिनहट पुलिस ने शनिवार को हिरासत में लिया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर पीड़ित परिवार ने अपनी पीड़ा साझा की।
मुख्यमंत्री द्वारा मुआवजा और न्याय का आश्वासन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा, आवास और बच्चों की निःशुल्क शिक्षा का निर्देश जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच निष्पक्षता से की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने इस मुलाकात के बाद संतोष व्यक्त किया है।
विपक्षी दलों का सरकार पर हमला
मोहित पांडेय की मौत के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरते हुए प्रतिक्रिया दी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर सरकार की आलोचना की और कहा कि पुलिस हिरासत का नाम ‘अत्याचार गृह’ कर देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश को ‘पुलिस क्रूरता का पर्याय’ करार दिया, जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने भी सरकार को परिवार को न्याय दिलाने का निर्देश देने की मांग की।
हिरासत में मौत का दूसरा मामला
यह लखनऊ में हाल ही में हुई दूसरी हिरासत में मौत की घटना है। 11 अक्टूबर को एक अन्य घटना में अमन गौतम की भी पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई थी। इस पर परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था, जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर जनाक्रोश और बढ़ गया है।
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