
लखनऊ में जनजातीय भागीदारी उत्सव सीएम योगी आदित्यनाथ, डॉ. हरि ओम
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क] उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित जनजातीय भागीदारी उत्सव का उद्घाटन प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में जनजातीय समुदायों की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। यह उत्सव जनजातीय समुदायों के योगदान को सम्मानित करने और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
जनजातीय समुदायों का योगदान
भारत में जनजातीय समुदायों का एक लंबा और गौरवमयी इतिहास है, जो सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में योगदान देता है। उत्तर प्रदेश सरकार इस उत्सव के माध्यम से जनजातीय समुदायों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में सुधार लाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए राज्य सरकार लगातार कदम उठा रही है और इन समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समुदायों के विकास के लिए उनकी सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने पर जोर दिया। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जनजातीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर काम कर रही है।
प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम का योगदान
उत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम ने भी जनजातीय समुदायों के सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि यह उत्सव जनजातीय समुदायों को अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने और उन्हें सम्मानित करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। साथ ही, उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जो जनजातीय लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में मदद कर रही हैं।
उत्सव का उद्देश्य और महत्व
यह उत्सव न केवल जनजातीय समुदायों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए है, बल्कि उनके सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को प्राथमिकता देने के लिए भी है। जनजातीय भागीदारी उत्सव ऐसे समुदायों को केंद्रित करता है जो अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करता है।