
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओम बिरला।
नई दिल्ली [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । संसद के पहले सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना तय है। लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी ने भाजपा के समक्ष ऐसी मांग रख दी है, जिससे मोदी सरकार की टेंशन बढ़ गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा संगठन टीडीपी को मनाने के लिए क्या यत्न करेगी। उधर, भाजपा राजस्थान की कोटा-बूंदी सीट से लगातार तीसरी बार जीतने वाले ओम बिड़ला को फिर लोकसभा अध्यक्ष बनाने की तैयारी में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई है। BJP बिड़ला का नाम फाइनल करने के लिए अब NDA के सहयोगी दलों के साथ बैठक करेगी।
क्या ओम बिड़ला फिर बनेंगे लोकसभा अध्यक्ष
मोदी सरकार के गठन के बाद अब यह संभावना प्रबल हो गई है कि ओम बिड़ला को फिर लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसकी एक बड़ी वजह यह है बिड़ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बेहद करीबी हैं। इसके अलावा अपने पहले कार्यकाल में अध्यक्ष के संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जो अपने आप में रिकार्ड हैं। इतना ही नहीं अपनी कार्यशैली के कारण विपक्षी दलों में भी उनकी अच्छी साख और पैठ है। इस बार यह सवाल इसलिए बड़ा हो गया है कि भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत में नहीं है, इसलिए मोदी-शाह भी अपने विश्वासपात्र को ही लोकसभा अध्यक्ष बनाना चाहेंगे। इस चयन में भी बिड़ला खरे उतरते हैं। क्योंकि भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत में नहीं है इसलिए स्पीकर बनने में एक बड़ा रोड़ा भी साबित हो रहा है, सहयोगी दल स्पीकर पद की मांग कर रहे हैं।
एक नए रिकार्ड की तैयारी में बिड़ला
यदि बिड़ला दूसरी बार फिर लोकसभा स्पीकर बनाए जाते हैं और वे इस पद पर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं, तो उनके नाम एक रिकार्ड दर्ज हो सकता है। इसके पूर्व लगातार दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने वाले बलराम जाखड़ एकमात्र लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। जीएमसी बालयोगी, पीए संगमा जैसे नेता दो बार लोकसभा अध्यक्ष तो बने, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं कर सके। बलराम जाखड़ ने साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।
कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश बन सकते हैं प्रोटेम स्पीकर
नई सरकार के गठन के बाद सबसे पहले सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। इस बार भाजपा के वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश ऐसे दो सदस्य हैं, जो सबसे ज्यादा सातवीं बार लोकसभा का चुनाव जीत कर आए हैं। भाजपा के वीरेंद्र कुमार मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हैं। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस के सुरेश प्रोटेम स्पीकर हो सकते हैं। प्रोटेम स्पीकर सांसदों की शपथ करवाने के साथ ही स्पीकर का चुनाव करवाते हैं। स्पीकर का चुनाव साधारण बहुमत से होता है। पिछली लोकसभा में लोकसभा उपाध्यक्ष का पद खाली ही रहा था। इस बार यह पद भी एडीए के किसी घटक दल को दिया जा सकता है।
आंध्र प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी हो सकती है लोकसभा उपाध्यक्ष
माना जा रहा है कि लोकसभा स्पीकर की रेस में शामिल भाजपा की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी को लोकसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं। उन्होंने नायडू का उस वक्त समर्थन किया था, जब उनकी अपने ससुर एनटी रामाराव का तख्तापलट करने पर आलोचना हो रही थी। ऐसे में उन्हें डिप्टी स्पीकर बनाया जाता है तो नायडू पर सॉफ्ट प्रेशर रहेगा। उनकी पार्टी पुरंदेश्वरी का विरोध नहीं कर पाएगी।