
महाकुंभ नगर जिला
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ नगर जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह जिला प्रयागराज से अलग होगा और इसे 67 गांवों को शामिल कर अस्थायी रूप से बनाया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
कौन-कौन से गांव शामिल होंगे?
महाकुंभ नगर जिला में प्रयागराज की चार तहसीलों—सदर, करछना, सोरांव और फूलपुर—के 67 गांवों को शामिल किया जाएगा। यह प्रस्ताव महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीएम प्रयागराज, और अन्य अधिकारियों की कमेटी द्वारा तैयार किया गया है।
महाकुंभ नगर जिले के गठन की प्रक्रिया
मुख्य सचिव के निर्देश : महाकुंभ नगर जिले के गठन का निर्णय मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर लिया गया।
अधिकारियों की कमेटी : मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीएम रविंद्र कुमार मांदड़, एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाई गई।
प्रस्ताव तैयार : 67 गांवों को शामिल कर नया जिला बनाने का प्रस्ताव तैयार कर राजस्व विभाग को भेजा गया।
अधिसूचना जारी : शासन स्तर पर समीक्षा के बाद जल्द ही राजस्व विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की जाएगी।
क्यों जरूरी है महाकुंभ नगर जिला?
- व्यवस्थाओं में सुधार
महाकुंभ 2025 में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। नया जिला प्रशासनिक कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने में मदद करेगा। - सुविधाओं का विस्तार
अस्थायी जिले के माध्यम से सुरक्षा, यातायात, स्वच्छता और अन्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार आसान होगा। - अलग प्रशासनिक इकाई
महाकुंभ नगर जिला अलग प्रशासनिक इकाई के रूप में काम करेगा, जिससे प्रयागराज के अन्य क्षेत्रों पर दबाव कम होगा।
महाकुंभ नगर जिला : विशेषताएं
– यह उत्तर प्रदेश का 76वां जिला होगा।
– यह अस्थायी जिला होगा, जो महाकुंभ 2025 के आयोजन के बाद भंग कर दिया जाएगा।
– नए जिले की देखरेख के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती की जाएगी।
महाकुंभ नगर जिला का गठन महाकुंभ 2025 को सुव्यवस्थित और भव्य बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाएगा, बल्कि प्रशासनिक कार्यों को भी सरल बनाएगा। जैसे ही अधिसूचना जारी होती है, यह नया जिला महाकुंभ की तैयारी में अपनी भूमिका निभाने लगेगा।