
पीलीभीत: कुलबीर सिद्धू फर्जी पासपोर्ट कांड
लखनऊ [TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। पीलीभीत में हुए एनकाउंटर में मारे गए 3 खालिस्तानियों के पीछे NIA की जांच ने खुलासा किया है कि 10 लाख का इनामी कुलबीर सिद्धू डेढ़ साल तक पूरनपुर कस्बे में रहा। इस दौरान उसने फर्जी पासपोर्ट बनाने का कारोबार चलाया और क्षेत्र में चर्चा का विषय बना रहा।
हरियाणा से पूरनपुर तक का सफर
कोरोना काल के दौरान कुलबीर सिद्धू हरियाणा से पूरनपुर कस्बे में आया। यहाँ उसकी मुलाकात मार्बल की दुकान पर काम कर रहे हरनाम से हुई। इसके बाद सिद्धू ने हरनाम के साथ कस्बे में किराए पर 5 महीने बिताए।
सतवंत और गुरजीत से जुड़ी कहानियाँ
- जूस बेचने वाले गुरजीत की दुकान पर सिद्धू की मुलाकात सतवंत से हुई।
- सतवंत से दोस्ती के बाद सिद्धू ने उसके घर रहना शुरू कर दिया।
- गुरजीत को आईलेट्स सेंटर खोलने में सिद्धू ने मदद की।
फर्जी पासपोर्ट का गोरखधंधा
सिद्धू ने पूरनपुर में फर्जी पासपोर्ट बनाने का कारोबार शुरू किया। फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल कर कई पासपोर्ट जारी किए गए। इस कारण क्षेत्र में काफी चर्चा हुई। प्रधान निर्मल सहित कई लोगों ने इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने केवल पासपोर्ट निरस्त करने की कार्रवाई की। गहनता से जांच नहीं की गई।
लंदन भागने की योजना
सूत्रों के अनुसार, सिद्धू ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए पूरनपुर से लंदन भागने में सफलता पाई। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
NIA की जांच और खुलासे
NIA ने एनकाउंटर में मारे गए खालिस्तानियों के तार सिद्धू से जुड़े होने की पुष्टि की है। सिद्धू ने डेढ़ साल तक पूरनपुर में शोहरत के साथ समय बिताया और अपने गोरखधंधे को बखूबी अंजाम दिया।