
किसानों को बिना शर्त रिहा किए जाने की मांग, 23 दिसंबर को होगा बड़ा ऐलान | फाइल फोटो
ग्रेटर नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। हाल ही में गौतमबुद्ध नगर जिले के लुक्सर जेल में बंद किसानों की रिहाई को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन को चेतावनी दी है। किसान नेता राकेश टिकैत और चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने 22 दिसंबर तक समय दिया है, जिसके बाद 23 दिसंबर को सिसौली में महापंचायत आयोजित की जाएगी और एक बड़ा ऐलान किया जाएगा। इस लेख में हम किसान आंदोलन, उनकी रिहाई की मांग, और इसके आगामी घटनाक्रम पर चर्चा करेंगे।
किसानों की जेल से रिहाई की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसानों को बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाए। 4 दिसंबर से लुक्सर जेल में बंद किसानों की रिहाई के लिए गांवों में लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अब तक केवल 26 किसानों को रिहा किया गया है, जबकि 126 से ज्यादा किसान अभी भी जेल में बंद हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर 22 दिसंबर तक किसानों को रिहा नहीं किया गया, तो उनका अगला कदम सिसौली महापंचायत में होगा, जिसमें एक बड़ा ऐलान किया जाएगा।
रिहाई के लिए बढ़ते आंदोलन
किसानों की रिहाई के लिए सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा नहीं, बल्कि गौतमबुद्ध नगर के वकील भी सक्रिय हो गए हैं। वकीलों ने जेल में बंद किसानों के लिए कानूनी मदद देने का ऐलान किया है। साथ ही, किसानों की रिहाई के लिए गांवों में भी लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इस समय प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है, क्योंकि किसान आंदोलन लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।
प्रशासन को चेतावनी
किसान नेता राकेश टिकैत ने गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है कि 22 दिसंबर तक किसानों को रिहा किया जाए और उनके मुद्दों पर बातचीत शुरू की जाए। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि अगर प्रशासन इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो 23 दिसंबर को सिसौली महापंचायत में बड़ा ऐलान किया जाएगा, जो जिले के प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
किसानों के खिलाफ गिरफ्तारियां और उनकी भूख हड़ताल
2 दिसंबर को किसानों को नोएडा एक्सप्रेसवे से दिल्ली कूच के दौरान गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 3 दिसंबर को राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल से किसानों को गिरफ्तार किया गया और फिर 4 दिसंबर को महापंचायत में उनकी रिहाई की मांग की गई। हालांकि, उसी रात किसानों को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद से किसानों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की, लेकिन जेल प्रशासन ने इसका खंडन किया था।
किसान नेताओं का समर्थन
किसान आंदोलन में प्रमुख नेता, जैसे नरेश टिकैत और राकेश टिकैत, ने सिसौली में पंचायत की। इस पंचायत में 300 से ज्यादा किसानों ने भाग लिया और जिला प्रशासन से 22 दिसंबर तक किसानों की रिहाई की मांग की। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर किसानों की रिहाई नहीं होती, तो आंदोलन और तेज हो सकता है। इस समय पूरे जिले में किसान आंदोलन की स्थिति गहरी होती जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
किसानों की रिहाई के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बयान दिया था। उन्होंने किसानों के पक्ष में खड़े होने की बात कही है और जिला प्रशासन को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से हल करने की अपील की है। इसके साथ ही, स्थानीय वकीलों और किसानों ने भी प्रशासन से न्याय की उम्मीद जताई है।