
कौन थे मशहूर शायर फहमी बदायूंनी की फाइल फोटो।
बदायूं [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। फहमी बदायूंनी का नाम उर्दू और हिंदी शायरी की दुनिया में बड़े अदब और सम्मान के साथ लिया जाता है। उनकी शायरी में गहरी संवेदनाएं और समाज की असलियत का बेबाक चित्रण होता था। 4 जनवरी 1952 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे फहमी बदायूंनी ने अपनी कविताओं और शायरी के माध्यम से लोगों के दिलों पर राज किया।
लेखपाल से शायर बनने तक का सफर
फहमी बदायूंनी का जीवन बहुत साधारण शुरू हुआ। परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए उन्होंने एक समय पर लेखपाल की नौकरी की थी। लेकिन साहित्य के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें यह नौकरी छोड़ने के लिए प्रेरित किया। उनका यह निर्णय उस समय के लिए साहसिक था, लेकिन शायरी के क्षेत्र में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, वह उनके जुनून का नतीजा था।
शायरी के प्रति प्रेम और साहित्यिक योगदान
फहमी बदायूंनी का साहित्यिक जीवन समाज की जटिलताओं और व्यक्तिगत संघर्षों को उकेरता है। उनकी शायरी में प्रेम, पीड़ा, सामाजिक असमानता और जीवन की कठिनाइयों को दर्शाया गया है। उनके कई शेर और गजलें आज भी शायरों और साहित्य प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। वह जीवन के छोटे-छोटे पलों में गहरी बातें ढूंढ निकालते थे और उन्हें शब्दों में पिरोकर लोगों तक पहुंचाते थे।
जीवन के रोचक किस्से
1- परिवार और जिम्मेदारियां: फहमी बदायूंनी का लेखपाल की नौकरी छोड़ना उनके जीवन का सबसे बड़ा निर्णय था। उन्होंने परिवार की जिम्मेदारियों के बावजूद अपने सपने को जिंदा रखा। उनके इस फैसले के बाद साहित्य में उनकी यात्रा ने नया मोड़ लिया।
2- साहित्यिक आयोजनों में हिस्सा: फहमी बदायूंनी देश के विभिन्न साहित्यिक आयोजनों में हिस्सा लेते थे। उनकी उपस्थिति मात्र ही महफिल में चार चांद लगा देती थी। वह मंच पर अपनी शायरी प्रस्तुत करते हुए एक अद्वितीय अंदाज में अपनी बात रखते थे, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती थी।
3-सादगी और गहराई का मेल: फहमी बदायूंनी बेहद सादगी से जीने वाले व्यक्ति थे, लेकिन उनकी शायरी में गहराई और जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण अद्भुत था। वह साधारण विषयों में भी गहरी बातें कह जाते थे।
निधन और साहित्य जगत की प्रतिक्रिया
लंबी बीमारी के बाद, 72 साल की उम्र में फहमी बदायूंनी का निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। साहित्य प्रेमी उन्हें उनकी शायरी और रचनाओं के माध्यम से हमेशा याद रखेंगे।