
नोएडा मे किसान आंदोलन की फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नोएडा के कलेक्ट्रेट पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। किसानों की प्रमुख मांग है कि सरकार उच्च स्तरीय समिति की संस्तुतियों को सार्वजनिक करे और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाए।
किसान एकता संघ का समर्थन
शनिवार को किसान एकता संघ के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन जताया। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और उनका समर्थन कर इस आंदोलन को और अधिक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि रविवार को संगठन से जुड़े बड़ी संख्या में किसान महापड़ाव में शामिल होंगे।
राजस्थान के किसानों का भी समर्थन
नोएडा के आंदोलनरत किसानों को राजस्थान के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है। यह समर्थन राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की एकता को मजबूत करने का संकेत देता है।
शासनादेश जारी करने की मांग
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रूपेश वर्मा ने कहा कि धरना संगठित तरीके से आगे बढ़ रहा है और इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गठित समिति की सिफारिशों पर सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन किसान चाहते हैं कि सरकार तुरंत इस पर शासनादेश जारी करे।
आंदोलन की मुख्य मांगें
- भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के लिए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सार्वजनिक करना।
- किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि देना।
- स्थानीय युवाओं को रोजगार प्रदान करना।
- भूमि अधिग्रहण कानून का सख्ती से पालन करना।
महापड़ाव में कई संगठनों की भागीदारी
महापड़ाव में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और एनटीपीसी जैसी परियोजनाओं से प्रभावित किसानों ने भाग लिया। इस धरने में विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। इस अवसर पर ब्रिजेश भाटी, अनूप राघव, नरेश नागर और कई अन्य नेताओं ने किसानों की एकता का समर्थन किया।