
करवा चौथ इल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। करवा चौथ सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह दिन उनके पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर अपने व्रत को तोड़ती हैं।
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा की पूजा होती है। करवा चौथ की थाली में दीया, करवा, छलनी और अन्य पूजन सामग्री शामिल होती हैं। महिलाएं चांद को छलनी से देखती हैं और फिर अपने पति के हाथों से व्रत खोलती हैं।
चांद देखने का शुभ समय और मुहूर्त
हर साल करवा चौथ के दिन चांद देखने का अलग-अलग समय होता है। इस साल करवा चौथ का चांद रात में 8:09 बजे के आस-पास दिखाई देगा। इससे पहले, महिलाएं करवा चौथ की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
करवा चौथ की तैयारियां
करवा चौथ की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं। महिलाएं अपने लिए खास साड़ियां, लहंगे और आभूषण खरीदती हैं। पूजा की थाली में विशेष करवा, दीया, और छलनी शामिल होते हैं। इस दिन मेंहदी और चूड़ियां पहनने की भी खास परंपरा है।
करवा चौथ की कहानी और महत्व
करवा चौथ की व्रत कथा का भी विशेष महत्व है। इसे सुनने से व्रत की पूर्णता मानी जाती है। इस कहानी में करवा नामक एक महिला की शक्ति और समर्पण का वर्णन है, जिसने अपने पति के प्राण बचाने के लिए यमराज से संघर्ष किया।
करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन का महत्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत अधिक होता है। करवा चौथ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रिश्तों को भी मजबूत करने का दिन है। करवा चौथ की पूजा विधि और चांद देखने का शुभ समय जानकर, आप भी इस खास दिन की पूरी तैयारी कर सकते हैं और अपने व्रत को सफल बना सकते हैं।
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