
झांसी मेडिकल कालेज आग की फाइल फोटो।
झांसी [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। झांसी के मेडिकल कालेज में 10 बच्चों की आग में जलकर दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना 13 अक्तूबर, 2024 को हुई, जब अस्पताल के न्यूबॉर्न केयर यूनिट (NICU) में आग लग गई। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस मामले में कहां चूक हुई ? इस बहाने यह भी जानेंगे कि अस्पतालों में क्या है सुरक्षा के मानक? क्या राज्य के अन्य मेडिकल कालेजों में यह सुरक्षा व्यवस्था है ? क्या है विशेषज्ञों की राय –
शुक्रवार की राज झांसी मेडिकल कालेज में क्या हुआ
झांसी मेडिकल कालेज के न्यूबॉर्न केयर यूनिट में आग लगने के कारण अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी थी। इनमें से कुछ बच्चे शिशु ICU में थे, जबकि कुछ नवजात बच्चे इलाज के लिए भर्ती थे।
कहां हुई चूक?
इस दर्दनाक घटना ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली बात तो यह है कि क्या अस्पताल में आग सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था थी? कई रिपोर्ट्स के अनुसार, अस्पताल के कई हिस्सों में फायर अलार्म और फायर एक्सटिंग्विशर की कमी बताई गई है। इसके अलावा अस्पताल के कर्मचारियों की प्रशिक्षण की कमी भी एक बड़ा कारण मानी जा रही है।
अस्पतालों में सुरक्षा मानक क्या हैं?
अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का उद्देश्य मरीजों, कर्मचारियों और अस्पताल परिसर में आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय अस्पताल सुरक्षा मानक (NABH) और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) जैसे मानक यह निर्धारित करते हैं कि अस्पतालों को कौन-कौन सी सुरक्षा उपायों को लागू करना चाहिए। इनमें अग्नि सुरक्षा, उपकरणों की सुरक्षा, मरीजों की गोपनीयता और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण शामिल हैं।
1- आग सुरक्षा के मानक
आग से सुरक्षा अस्पतालों में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीजों और चिकित्सा उपकरण होते हैं, जो आग के खतरे को बढ़ा सकते हैं। अस्पतालों में आग सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन अनिवार्य है।
- फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर: अस्पतालों में हर क्षेत्र में फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर लगाना अनिवार्य है, ताकि आग लगने की स्थिति में तत्काल सूचना मिल सके।
- फायर एक्सटिंग्विशर: हर फ्लोर और प्रमुख स्थानों पर फायर एक्सटिंग्विशर रखना चाहिए।
- फायर सेफ्टी ट्रेनिंग: अस्पताल के सभी कर्मचारियों को फायर सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति में कार्य करने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
2- अस्पताल सुरक्षा उपाय
- साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण: अस्पताल में संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई के उच्च मानक बनाए रखना चाहिए। यह मरीजों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
- मरीजों की गोपनीयता: मरीजों के व्यक्तिगत डेटा और चिकित्सा जानकारी की गोपनीयता बनाए रखना भी एक महत्वपूर्ण मानक है।
- आपातकालीन सेवाएं: अस्पतालों में आपातकालीन स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता देने के लिए उपयुक्त उपकरण और संसाधन मौजूद होने चाहिए।
क्यों जरूरी है चिकित्सा मानक और सुरक्षा?
चिकित्सा मानक और सुरक्षा उपायों का पालन न केवल मरीजों के लिए, बल्कि अस्पताल कर्मचारियों और अस्पताल का समग्र वातावरण बनाने के लिए भी आवश्यक है। अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का पालन करके हम मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे उपचार के दौरान संभावित जोखिम कम होते हैं।
चिकित्सा मानक और सुरक्षा
भारत में अस्पतालों को मानक सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय अस्पताल सुरक्षा मानक (NABH) और फायर सुरक्षा नियम (NFPA) के तहत सभी अस्पतालों को अग्नि सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्य व्यवस्था करनी होती है। इसमें फायर अलार्म, फायर एग्जिट और अग्नि सुरक्षा ट्रेनिंग शामिल हैं। लेकिन इस घटना में इन मानकों का पालन न होने से जानमाल की भारी हानि हुई है।
आगे क्या होगा?
झांसी मेडिकल कालेज की आग में हुई मौतों के बाद, राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं। एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया या चूक हुई। इस घटना ने भारत में अस्पताल सुरक्षा के मानकों को फिर से प्रमुखता से उठाया है और इसे सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत को दर्शाया है।