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लखनऊ,[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के झांसी में शुक्रवार रात को हुई एक भयावह घटना में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जान चली गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। इस दुखद घटना के बाद राज्य के विपक्षी दलों ने शोक व्यक्त किया है और इस मामले में प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
समाजवादी पार्टी ने की 1 करोड़ रुपये की सहायता की मांग
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना स्वास्थ्य और चिकित्सा व्यवस्था की भारी लापरवाही का परिणाम है। सपा ने शोक संतप्त परिवारों के लिए एक-एक करोड़ रुपये संवेदना राशि देने की मांग की है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु और कई घायल होने की खबर बेहद दुखद है। यह घटना चिकित्सीय प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है।”
सपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस गंभीर मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएं।
बहुजन समाज पार्टी ने किया दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आग्रह
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत एक अति-दुखद घटना है। इस घटना की भरपाई असंभव है, लेकिन दोषियों को सख्त कानूनी सजा मिलनी चाहिए। सरकार को पीड़ित परिवारों की मदद करनी चाहिए।”
कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। पार्टी ने कहा कि इस घटना का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में स्पार्किंग बताया जा रहा है, जो अस्पताल की लापरवाही का संकेत है। कांग्रेस ने मांग की कि राज्य सरकार इस मामले की न्यायिक जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पार्टी ने मृतकों के परिजनों के लिए सहानुभूति व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे
झांसी मेडिकल कॉलेज की आग की घटना में प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की खामियां उजागर हो रही हैं। विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में आग लगने का कारण अब तक आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर में स्पार्किंग की वजह से यह हादसा हुआ। अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस मामले में अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस हादसे की कड़ी निंदा की है।
नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी
इस घटना ने राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्रालय की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री को इस मामले में ठोस कदम उठाने चाहिए।