
जाने-अनजाने पदचिह्न: मधुरेश मिश्रा की पुस्तक का भव्य लोकार्पण
मुंबई [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। मुंबई के के.सी. कॉलेज में हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार संध्या का आयोजन किया गया। इसमें प्रसिद्ध कवि और लेखक मधुरेश मिश्रा की काव्य संग्रह ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ का लोकार्पण हुआ। इस भव्य आयोजन में कई प्रतिष्ठित साहित्यिक हस्तियों ने हिस्सा लिया और पुस्तक के साहित्यिक महत्व की सराहना की।
लोकार्पण में प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति
इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री श्री अमरजीत मिश्र, पद्मश्री डॉ. सोमा घोष, और मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के महासचिव विजय सिंह कौशिक उपस्थित रहे। पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर इन महानुभावों ने हिंदी साहित्य के महत्व और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर पर अपने विचार व्यक्त किए।
मधुरेश मिश्रा की काव्य दृष्टि और विषय-वस्तु
पुस्तक में मिश्रा ने अपने जीवन के अनुभवों, संघर्षों, और प्रवासी जीवन से जुड़ी भावनाओं को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया है। ‘जाने-अनजाने पदचिह्न’ भारतीय संस्कृति, समाज और भाषा की विविधता को दर्शाती है। इसमें प्रेम, त्याग, और मातृभूमि के प्रति सम्मान की भावना झलकती है, जो पाठकों के हृदय को छूने में सक्षम है।
साहित्यिक दृष्टिकोण पर विद्वतजन की राय
मुख्य अतिथि श्री अमरजीत मिश्र ने कविताओं में भारतीय संस्कृति के रंगों की सराहना की और इसे भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया। विशेष अतिथि डॉ. सोमा घोष ने साहित्य और संगीत के गहरे संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि मधुरेश जी की कविताओं में गहरे जीवन-दर्शन का अक्स मिलता है। वरिष्ठ उपसंपादक श्रीमती रेणु शर्मा ने उनकी भाषा की सरलता और उत्कृष्टता की सराहना की।
साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान
इस आयोजन में उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों ने इसे हिंदी साहित्य में एक मूल्यवान योगदान बताया। कार्यक्रम का संचालन के.सी. कॉलेज के सहायक अध्यापक डॉ. अजीत कुमार राय ने किया।
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