
फाइल फोटो।
नोएडा [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। नोएडा के औद्योगिक सेक्टर में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे अब डीजल जनरेटर को गैस जनरेटर में बदलने का काम भी जल्द शुरू होगा, जो न केवल प्रदूषण कम करेगा बल्कि उद्यमियों को भी राहत देगा।
मीटर की स्थापना से उद्यमियों को मिल रही राहत
बीते कुछ महीनों से मीटरों की कमी के कारण आईजीएल कनेक्शन तो दिए जा रहे थे, लेकिन मीटर न लग पाने के कारण उद्यमियों को गैस का उपयोग करने में समस्याएं हो रही थीं। सेक्टर-6 एनईए भवन में उद्यमियों और आईजीएल अधिकारियों की हुई बैठक में मीटर की कमी का मुद्दा उठाया गया था। अब अक्टूबर 2023 के मध्य से मीटर लगाने की प्रक्रिया को गति मिल गई है।
प्रदूषण नियंत्रण में होगा बड़ा योगदान
आईजीएल कनेक्शन चालू होने के बाद, डीजल जनरेटर को गैस जनरेटर में बदलने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। यह बदलाव खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहायक होगा। डीजल जनरेटर के बदले गैस जनरेटर का उपयोग वायु प्रदूषण के स्तर को कम करेगा, जो इस समय शहरों के लिए एक गंभीर समस्या है।
औद्योगिक सेक्टर में हो रही मीटर स्थापना की प्रक्रिया
वर्तमान में, औद्योगिक सेक्टरों में आईजीएल ने 1100 से अधिक पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) कनेक्शन दिए हैं, जिनमें से 250 उपभोक्ताओं के कनेक्शन मीटर लगाने के इंतजार में थे। अब मीटर लगने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अगले दो से तीन हफ्तों में सभी मीटर लगाकर कनेक्शन चालू कर दिए जाएंगे।
मीटर लगने से मिलेंगी कई सुविधाएं
गैस के मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को डीजल जनरेटर की जगह गैस जनरेटर का उपयोग करने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल उनकी लागत में कमी आएगी, बल्कि शहर में प्रदूषण स्तर भी नियंत्रित रहेगा।
उद्यमियों को मिलने वाले फायदे
1- कम लागत: गैस जनरेटर का उपयोग डीजल की तुलना में कम महंगा होगा, जिससे उद्यमियों के खर्चों में कटौती होगी।
2- प्रदूषण नियंत्रण: डीजल जनरेटर से निकलने वाले धुएं की जगह गैस जनरेटर पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं।
3- सरल प्रक्रिया: मीटर लगने के बाद, उद्यमी आसानी से अपने डीजल जनरेटर को गैस जनरेटर में बदल सकेंगे।
नोएडा के औद्योगिक सेक्टर में आईजीएल मीटर की स्थापना से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मीटर लगने के बाद, गैस जनरेटर का उपयोग बढ़ेगा, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर कम होगा और नोएडा को एक स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल शहर बनाने में सहायता मिलेगी।
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