
इलाहाबाद हाई कोर्ट की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित वुजूखाना के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से सर्वे कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर पुनरीक्षण याचिका की अगली सुनवाई अब 22 अक्टूबर को होगी।
मंगलवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ में हुई सुनवाई के दौरान याची राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने पूरक हलफनामा दाखिल किया।विपक्षी संख्या चार ने जवाबी हलफनामा दिया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने याची के अधिवक्ता से कहा था कि सहवादिनी लक्ष्मी देवी व अन्य द्वारा शिवलिंग के एएसआइ सर्वे की मांग वाली वह याचिका जो निचली अदालत में दायर की गई थी, उसे दिखाएं।
मंदिर पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र के निर्धारण हेतु शिवलिंग के आसपास के क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वे आवश्यक है। उसका कहना है कि एएसआई द्वारा 24 जुलाई से लेकर दो नवंबर 2023 तक जो वैज्ञानिक सर्वे किया गया है उसमें शिवलिंग के आसपास का क्षेत्र (वुजूखाना) शामिल नहीं है।
हाई कोर्ट का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वे संबंधी हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है तो यह कोर्ट कैसे आदेश दे सकता है ?
अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अनुसार राखी सिंह की वर्तमान पुनरीक्षण याचिका शिवलिंग छोड़ कर बाकी क्षेत्र के एएसआइ से वैज्ञानिक सर्वे को लेकर है और लक्ष्मी देवी के प्रार्थना पत्र से अलग है। राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका में वुजूखाने के सर्वे की मांग वाली अर्जी वाराणसी जिला जज द्वारा खारिज किए जाने को चुनौती दी गई है।