
इलाहाबाद हाई कोर्ट।
प्रयागराज, [TV 47 न्यूज नेटवर्क]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिस्टल सटा कर जमीन अपने नाम बैनामा कराने के मामले में विधायक अब्बास अंसारी, उसके मामा आतिफ रजा उर्फ सरजील रजा और करीबी अफरोज की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया है।
हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी के साथ ही दोनों की जमानत अर्जियों पर उनके अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील को सुनने के बाद पहली अगस्त को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। गाजीपुर की शहर कोतवाली में अबू फखर खां ने 12 अगस्त, 2023 को मुख्तार अंसारी, उसकी पत्नी अफ्शा अंसारी, विधायक बेटे अब्बास अंसारी, साले आतिफ रजा व अनवर शहजाद तथा अंसारी परिवार के करीबी अफरोज के खिलाफ प्राथमिकी लिखाई थी।
सभी पर ठगी, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने, जमीन व पैसे हड़पने और साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के सामने अबू फखर खां की बेशकीमती जमीन थी। उसका कहना है कि मुख्तार अंसारी ने दोनों सालों के जरिए 2012 में उसको लखनऊ जेल बुलवाया और जमीन अपने बेटे अब्बास अंसारी के नाम करने का दबाव बनाया। साथ ही जमीन न बेचने पर जान से मारने की धमकी दी।
उसके बाद सर्किल रेट के आधार पर 20 लाख रुपये का चेक और चार लाख नकद देकर बैनामा करा लिया। अफरोज, आतिफ रजा और अनवर शहजाद फखर के घर पहुंचे और उसे अब्बास अंसारी के पास ले गए। आरोप है कि अब्बास ने पिस्टल लगाकर उसे धमकाया और चेक पर साइन करा लिया।
इसके बाद बैंक से लाखों रुपये निकाल लिए और जमीन भी हड़प ली। प्राथमिकी के मुताबिक वारदात में मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी भी शामिल थी। आतिफ रजा उर्फ सरजील इन दिनों लखनऊ जेल में बंद है। मामले में मुख्तार के बड़े साले अनवर शहजाद की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है। अब्बास अंसारी फिलहाल कासगंज जेल में बंद है।