
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी।
हरिद्वार [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पर सख्त कार्रवाई के बाद देशभर के संत समाज ने ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कमर कस लिया है। अब संत समाज खुद आगे आकर ढोंगी बाबाओं को चिन्हित करने में जुट गया है। इस कड़ी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मंसा देवी मंदिर ट्रस्ट के मुखिया श्री महंत रवींद्र पूरी महराज ने तो फर्जी बाबाओं के खिलाफ एक बड़े अभियान का ऐलान किया है। रवींद्र पुरी ने बताया कि खुद को त्रिकालदर्शी और ईश्वरीय अवतार बताने वाले ढोंगी बाबाओं को काली सूची में डाला जाएगा। इनमें नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, सेक्स सीडी कांड में फंसने के बाद दक्षिणी अमेरिका के इक्वाडोर में अलग देश बसाने का दावा करने वाले स्वामी नित्यानंद, बाबा राम रहीम समेत 20 से अधिक बाबा शामिल हैं।
रवींद्र पुरी महराज जी ने टीवी 47 न्यूज डाटकाम से बातचीत में कहा कि ढोंगी बाबाओं से सनातन धर्म को खतरा उत्पन्न हो गया है। ये लोग आस्था की आड़ में व्यापार कर रहे हैं। देश की मासूम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसे रोकना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा इस बाबत 18 जुलाई को प्रयागराज में संत समाज की एक अहम बैठक होगी। इसमें ढोंगी बाबाओं के खिलाफ एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। बैठक में अखाड़ा परिषद की ओर से यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि इन ढोंगी बाबाओं को मेले में बसने के लिए भूमि और सुविधाएं न प्रदान की जाएं।
उन्होंने कहा कि हाथरस कांड से सुर्खियों में छाए नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा समेत 20 ढोंगी बाबाओं को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। इस बाबत करीब-करीब सभी अखाड़ों के बीच आम सहमति बन चुकी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के मुताबिक भोली भाली जनता को भ्रमित कर अपने भक्तिजाल में फंसाने वाले तरह-तरह के रूपों वाले पाखंडी बाबाओं की सूची अखाड़ा परिषद ने तैयार कर ली है। ऐसे ढोंगी बाबाओं को महाकुंभ में अपनी दुकानें नहीं सजाने देंगे। ऐसे ढोंगी बाबाओं को महाकुंभ में बसने के लिए भूमि और शिविर की सुविधाएं नहीं दी जाएं, इसकी मांग मेला प्रशासन के समक्ष रखेंगे।
इस क्रम में महंत हरि गिरि (महामंत्री, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद) ने कहा कि इस बाबत संत समाज की एक समिति बनाई जाएगी, जो इस प्रकार के बाबाओं के क्रियाकलापों की सुक्ष्म और विस्तार से जांच करेगी। उन्होंने कहा कि इस बाबत चिन्हित बाबाओं के क्षेत्र में तैनात सेवानिवृत्त कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। इसमें रिटायर्ड पुलिस आरक्षी से लेकर आला अफसर शामिल होंगे। इस कड़ी में उनके अपराधिक रिकार्ड को भी खंगाला जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो संत समाज न्याय के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे दायरे में ढोंगी गृहस्थ संत के साथ महिलाएं भी शामिल होंगी।
उधर, मेला प्रशासन भी कुंभ में बसने वाली धार्मिक संस्थाओं, महामंडलेश्वरों का सर्वे कराने में जुट गया है। संतों के आवेदन भी आने शुरू हो गए हैं। अगले महीने आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी खुल जाएगा। अखाड़ा परिषद का मानना है कि संतों को लोक हित और परोपकार के जरिए समाज में संस्कार और मर्यादा का वातावरण पैदा करना चाहिए। इसके विपरीत ढोंगी बाबा समाज में अंधविश्वास और पाखंड का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। गौरतलब है कि नारायण साकार हरि खुद को परम ब्रह्म बता रहे हैं।