
नोएडा फाइल फोटो।
नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। किसानों की बढ़ती गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा अट्टा गुजरान गांव में आपातकालीन पंचायत का आयोजन किया गया। इस बैठक में 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि पुलिस की बर्बरता और भय का माहौल तुरंत समाप्त किया जाए, और जेल में बंद किसानों व किसान नेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा का एकजुटता संदेश
इस पंचायत के दौरान किसान नेताओं ने यह संदेश दिया कि संयुक्त किसान मोर्चा पहले की तरह एकजुट है और यह और मजबूत होकर अपने हक के लिए संघर्ष करेगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि यदि प्रशासन और सरकार द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते, तो संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा फैसला लेने को मजबूर होगा। इस फैसले की तैयारी की जा रही है।
गिरफ्तारी के विरोध में एकजुटता
ग्रेटर नोएडा और नोएडा से 50 से अधिक किसान और महिला किसानों ने गिरफ्तारी दी है। ये सभी किसान एकता संगठन के सदस्य हैं, और इनकी मुख्य मांग यह है कि जब तक किसानों और नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक ऐसी गिरफ्तारियां जारी रहेंगी। अब तक 150 से अधिक किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
किसान नेताओं और संगठनों की भूमिका
बैठक में भारतीय किसान यूनियन टिकैत, जय जवान जय किसान, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, व्यवस्था सुधार संगठन, भारतीय किसान एकता, किसान एकता महासंघ, भारतीय किसान परिषद, भारतीय किसान यूनियन भानु जैसे प्रमुख किसान संगठनों ने भाग लिया। इन संगठनों के नेताओं ने गिरफ्तारी के खिलाफ एकजुट होकर प्रशासन और सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की।
किसानों के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि धरना और प्रदर्शन लोकतंत्र के अहम हिस्से हैं और किसानों का यह लोकतांत्रिक अधिकार है। इसलिए, प्रशासन को चाहिए कि वह किसानों के अधिकारों की रक्षा करें और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने की उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करे।