
टीवी 47 न्यूज नेटवर्क।
गाजियाबाद,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। गाजियाबाद में हाल ही में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प को लेकर वकील समुदाय ने 4 नवम्बर को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। यह झड़प 29 अक्टूबर को गाजियाबाद की एक अदालत में हुई थी, जब पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। इस घटना में दर्जनों वकील घायल हो गए थे।
वकीलों की मुख्य मांगें
गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने हड़ताल के दौरान जिला न्यायाधीश अनिल कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वकीलों का कहना है कि न्यायाधीश ने बिना किसी कारण के पुलिसकर्मियों को अदालत कक्ष से वकीलों को हटाने के लिए बुलाया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई। वकीलों ने न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग करते हुए उन्हें निलंबित करने की भी अपील की।
इसके अलावा, वकील समुदाय ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) द्वारा निष्पक्ष जांच की सिफारिश की और लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
गाजियाबाद और इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकजुटता
गाजियाबाद में चल रही हड़ताल का समर्थन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ पीठ द्वारा भी किया गया। अवध बार एसोसिएशन (ओबीए) के सदस्य गाजियाबाद के वकीलों के साथ एकजुटता दिखाते हुए लखनऊ में भी हड़ताल पर रहे।
हड़ताल का उद्देश्य
गाजियाबाद बार एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरी तरह से नहीं माना जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। वकीलों का यह आंदोलन केवल गाजियाबाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य और न्यायपालिका के सम्मान की लड़ाई है।