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अंबेडकरनगर,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]।अंबेडकरनगर में शिक्षक भर्ती में फर्जी डिग्री लगाने के मामले में दो महिला शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच में सामने आए फर्जीवाड़े के बाद की गई। जांच में पाया गया कि दोनों शिक्षिकाओं ने बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी हासिल की थी, जो बाद में उनके लिए परेशानी का कारण बनी।
फर्जी डिग्री का मामला
एसटीएफ लखनऊ की टीम ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में शुरू की गई शिक्षक भर्ती अनियमितता की प्रदेशस्तरीय जांच में पाया कि कुछ लोगों ने फर्जी बीएड डिग्री का इस्तेमाल कर शिक्षक पद पर नौकरी हासिल की थी। जांच के दौरान प्राथमिक विद्यालय गौरा की प्रधानाध्यापिका मांधाता और प्राथमिक विद्यालय बरौरा की सहायक अध्यापिका सरोज लता का नाम सामने आया।
एसटीएफ की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि दोनों शिक्षिकाओं ने जो बीएड डिग्री प्रस्तुत की थी, वह दून इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी रायपुर, छत्तीसगढ़ से जारी की गई थी, जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा पंजीकृत नहीं किया गया था। ऐसे में यह डिग्री मान्य नहीं हो सकती थी।
निलंबन और विभागीय जांच
एसटीएफ की जांच में फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद विभाग ने दोनों शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान इन शिक्षिकाओं को ब्लॉक संसाधन केंद्र अकबरपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, मांधाता की विस्तृत जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी जहांगीरगंज संतोष पांडेय और सरोज लता की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी मीनाक्षी सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शिक्षक भर्ती में बढ़ती अनियमितताएं
यह मामला एक और संकेत है कि राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हो रही हैं। एसटीएफ की जांच टीम इस दिशा में कड़ी कार्रवाई कर रही है ताकि इस तरह के फर्जीवाड़ों पर अंकुश लगाया जा सके और योग्य उम्मीदवारों को ही शिक्षक पद पर नियुक्त किया जा सके।