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प्रयागराज[ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी अंकपत्र व प्रमाणपत्र बांटने का रैकेट प्रयागराज, जौनपुर, लखनऊ, ग्वालियर से लेकर दिल्ली तक फैला हुआ है। अंकपत्र व प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए यूपी बोर्ड को प्रतिदिन औसतन तीन से चार पत्र मिलते हैं। इनमें से 30 से 40 प्रतिशत मामले फर्जी होते हैं। सत्यापन के सर्वाधिक मामले पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र से आते हैं।आश्चर्य की बात है कि प्रयागराज जहां यूपी बोर्ड का मुख्यालय है वहीं अधिकारियों की नाक के नीचे उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद नाम से फर्जी संस्था चल रही है। पिछले आठ साल से धड़ल्ले से फर्जी अंकपत्र और प्रमाणपत्र बांटने वाले इस फर्जी बोर्ड के खिलाफ यूपी बोर्ड के अधिकारियों ने पहले भी एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। गुरुकुल विश्वविद्यालय वृन्दावन मथुरा, ऑल इंडिया ओपेन बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन माध्यमिक शिक्षा परिषद मध्य भारत ग्वालियर मध्य प्रदेश, दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एजुकेशन अजमेर जैसी तमाम संस्थाएं हैं जिनकी 10वीं-12वीं के अंकपत्र और प्रमाणपत्र मान्य नहीं हैं।
वेबसाइट पर उपलब्ध है सूची: हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा करने के लिए देशभर में अधिकृत एवं मान्य संस्थाओं की सूची यूपी बोर्ड की वेबसाइट https:// upmsp. edu. in/ पर उपलब्ध है।
फर्जी बोर्ड और वेबसाइट से सतर्क रहने को भेजा पत्र
उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद् को क्रियाशील करने की कार्यवाही के बीच फर्जी बोर्ड के संचालन से अफसर परेशान हैं। उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद् प्रयागराज के नाम से आजाद नगर गोहरी रोड, कोल्ड स्टोरेज के समीप फाफामऊ शान्तिपुरम्, रहेजा हाउस नम्बर-05 विमलकुन्ज फरीदीनगर पिकनिक स्पॉट रोड नियर मानस तिराहा लखनऊ के पते पर संचालित अवैध संस्था से सतर्क रहने को पत्राचार संस्थान की ओर से सोमवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजा गया है। फर्जी बोर्ड और उसकी वेबसाइटwww. upsos. in, www. upsosp. org. in, www. upsosb. ac. in, www. upsos. co. in से छात्रों को अमान्य अंकपत्र उपलब्ध करने के संबंध में जागरूक करने को कहा गया है।