फाइल फोटो।
डोनाल्ड ट्रंप, जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रहे हैं, उनकी भारत के प्रति नाराज़गी की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। उनके टैरिफ के फैसले, व्यापार नीति, geopolitics, और दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं। खासतौर पर 2023-2024 में भारतीय बाजार और geopolitics में बदलाव के चलते ट्रंप की नाराजगी और बढ़ गई है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर क्यों ट्रंप भारत से नाराज़ हैं, और उनके नाराज़गी के पीछे कौन-कौन से कारण हैं।
1. अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ का लगाना
टैरिफ का इज़ाफा और उसकी वजहें
अमेरिका ने हाल ही में भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है, जो पहले से ही 25 प्रतिशत का था। इस तरह कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। व्हाइट हाउस का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
भारत पर निशाना क्यों?
हालांकि चीन, तुर्की, और यूरोप के कई देशों भी रूस से तेल खरीद रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने भारत को क्यों निशाना बनाया? विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम geopolitics का हिस्सा है, जहां अमेरिका अपनी आर्थिक और राजनीतिक रणनीतियों के तहत भारत को दबाव में लाना चाहता है।
ट्रंप का नजरिया
ट्रंप का मानना है कि यह कदम भारत को उसकी आर्थिक स्वायत्तता से वंचित करने का प्रयास है, और इससे अमेरिका का व्यापार दबदबा मजबूत रहेगा।
2. ब्रिक्स और वैश्विक मुद्रा युद्ध
ब्रिक्स का विस्तार और अमेरिकी चिंता
ब्रिक्स यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह। ये देश डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए प्रयासरत हैं। रूस से तेल खरीदना, स्थानीय मुद्रा में व्यापार करना, और विश्व अर्थव्यवस्था में डॉलर का प्रभुत्व खत्म करने के प्रयास ट्रंप को पसंद नहीं हैं।
अमेरिकी दबाव और धमकी
अमेरिका ने ब्रिक्स देशों को 100% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उनका मानना है कि अगर ये देश अपनी मुद्रा का प्रयोग बढ़ाएंगे, तो डॉलर का प्रभुत्व कम होगा, और अमेरिका का वैश्विक दबदबा खतरे में पड़ जाएगा।
भारत का रुख
भारत भी इसमें शामिल है, और उसकी नीतियां अमेरिका को नाराज करती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का धीमा रवैया और स्थानीय मुद्रा को बढ़ावा देना ट्रंप को खटक रहा है।
3. भारत-चीन संबंध और geopolitics
चीन के साथ संबंध
2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद, भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत की चीन यात्रा, सैन्य संबंध और व्यापारिक सहयोग बढ़ रहे हैं, जो अमेरिका को नहीं भाता।
अमेरिका का रणनीतिक दृष्टिकोण
अमेरिका मानता है कि चीन चीन को काउंटर करने के लिए भारत का प्रयोग कर रहा है। भारत और चीन के बीच बढ़ते संबंध ट्रंप के लिए चिंता का विषय हैं।
ट्रंप का आरोप
ट्रंप का आरोप है कि भारत की चीन के साथ नजदीकियां अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर रही हैं। वह चाहते हैं कि भारत चीन से दूरी बनाए और अपने हितों की रक्षा करे।
4. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और नाराजगी
पाकिस्तान के साथ संबंध
पिछले कार्यकाल में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी। ट्रंप ने इस संघर्ष में मध्यस्थता का दावा किया, लेकिन भारत ने साफ किया कि इसमें अमेरिका की भूमिका नहीं है।
ट्रंप की नाराजगी का कारण
ट्रंप चाहते थे कि भारत उन्हें ‘शांति का नोबेल’ पुरस्कार दिलवाने के लिए श्रेय दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे उनकी नाराजगी बढ़ी।
भारत का रुख
भारत ने कहा कि वह अपने कदम स्वयं तय करता है, और अमेरिका को इसमें कोई भूमिका नहीं दी गई है।
5. नॉन टैरिफ बैरियर और व्यापार नीति
नॉन टैरिफ बैरियर का अर्थ
यह वह नियम होते हैं, जिनसे व्यापार में बाधा आती है, जैसे सीमा नियंत्रण, लाइसेंसिंग, क्वालिटी चेक आदि। अमेरिका इन नियमों से नाराज है।
ट्रंप का दृष्टिकोण
अमेरिका चाहता है कि भारत अपने नॉन टैरिफ नियमों में ढील दे, ताकि व्यापार आसान हो। भारत का कहना है कि घरेलू उद्योग का संरक्षण जरूरी है, और ऐसे नियम स्वाभाविक हैं।
भारत का रुख
भारत का मानना है कि उसकी विकासशील अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ये नियम जरूरी हैं। ट्रंप की नाराजगी का कारण यह भी हो सकता है कि अमेरिका इन नियमों का लाभ उठाना चाहता है।
