
दूसरी राधा उर्फ डीके पांडा की फाइल फोटो।
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में धूमनगंज थाना में पूर्व पुलिस महानिरीक्षक देबेन्द्र किशोर पांडा उर्फ ‘दूसरी राधा’ की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ 381 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है। पांडा का दावा है कि उन्होंने लंदन की एक कंपनी ‘फिमनिक्स ग्रुप’ के माध्यम से बड़ी राशि कमाई थी, जिसे भारत में स्थानांतरित करने के प्रयास में उन्हें धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
डीके पांडा ने बताया कि लंदन की कंपनी ‘फिमनिक्स ग्रुप’ के साथ ऑनलाइन व्यापार में करीब 381 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। जब उन्होंने इस राशि को अपने भारतीय बैंक खाते में स्थानांतरित करने की कोशिश की, तब ‘फिमनिक्स’ के कर्मचारियों ने विभिन्न शुल्कों का भुगतान करने की मांग की। इस बीच, साइप्रस से व्हॉट्सएप कॉल करने वाले एक व्यक्ति, आरव शर्मा, ने उनसे संपर्क किया और अपशब्द कहे व धमकी दी कि रकम न देने पर उनकी धनराशि आतंकवादियों को भेज देगा और उन्हें भी इसमें फंसा देगा।
पांडा की पृष्ठभूमि और दूसरी राधा बनने की कहानी
1971 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी देबेन्द्र किशोर पांडा, जिन्हें अब ‘दूसरी राधा’ के नाम से जाना जाता है, ने जीवन में भगवान कृष्ण के सपने के बाद एक अद्वितीय धार्मिक परिवर्तन अनुभव किया। पांडा का यह रूप तब चर्चा में आया जब उन्होंने सिंदूर लगाना और साड़ी पहनना शुरू कर दिया। इस बदलाव के कारण पांडा को आलोचना का सामना करना पड़ा और उन्होंने 2005 में समय से पहले ही सेवानिवृत्ति ले ली।
पुलिस का रुख और आगे की जांच
धूमनगंज पुलिस ने पांडा की तहरीर पर 26 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 351(4) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और पांडा द्वारा प्रस्तुत सभी तथ्यों का गहन विश्लेषण किया जाएगा।