
साइबर ठगों द्वारा इंजीनियर से डिजिटल अरेस्ट कर 8.25 लाख रुपये की ठगी
कानपुर,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। साइबर ठगों ने एक नई तकनीकी ठगी के तरीके का इस्तेमाल करते हुए एक इंजीनियर से 8.25 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट में रखा और उसके खाते से पैसे निकाल लिए। यह घटना कानपुर के बर्रा निवासी एसके गुप्ता के साथ हुई, जो उन्नाव की एक स्टील कंपनी में इंजीनियर हैं। ठगों ने उन्हें ह्यूमन ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग तस्करी जैसे गंभीर आरोपों का डर दिखाकर ठगी की।
ठगों ने कैसे किया डिजिटल अरेस्ट?
एसके गुप्ता के अनुसार, साइबर ठगों ने उन्हें 19 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2024 तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। ठगों ने उनसे कहा कि उनकी आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाता दिल्ली में खुला हुआ पाया गया था, जिसके कारण उनके खिलाफ गंभीर मामले जैसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग चल रहे थे। इसके बाद, ठगों ने गुप्ता से फाइनेंस मिनिस्ट्री से उनके नंबर और खातों का वेरिफिकेशन करने के लिए पैसे की मांग की। ठगों का यह बहाना था कि वे इस वेरिफिकेशन के दौरान उनकी मदद करेंगे और उनके खिलाफ मामले को सुलझा लेंगे।
ठगों ने कैसे की रकम की ट्रांसफर?
गुप्ता के अनुसार, ठगों ने उन्हें यह डर दिखाया कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो सकती है, और इसके लिए उन्हें पैसे भेजने की आवश्यकता है। 5 दिनों के दौरान, ठगों ने गुप्ता के दो बैंक खातों में 8.25 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद, जब गुप्ता को ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
गुप्ता ने तुरंत कानपुर पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए साइबर सेल को जांच में लगाया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ठगों का नेटवर्क कितना बड़ा था और उनका असल उद्देश्य क्या था। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और वे किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की ठगी का शिकार नहीं होने देंगे।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
यह घटना यह साबित करती है कि साइबर ठगी अब तकरीबन हर व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है, खासकर जब ठग नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए यह कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:
1.संशयपूर्ण कॉल्स से बचें : यदि आपको किसी अपरिचित नंबर से कॉल आए और वे खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए जानकारी मांगें, तो सावधान रहें।
2.कभी भी बैंक खाता और व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन शेयर न करें : किसी भी प्रकार के वेरिफिकेशन के लिए बैंक खाता जानकारी और व्यक्तिगत डेटा शेयर करने से बचें।
3.फाइनेंस संबंधी संदेशों की सत्यता जांचें : यदि आपको कोई संदेश मिलता है, जिसमें पैसे भेजने या किसी खाते का वेरिफिकेशन करने को कहा जाता है, तो पहले उस संदेश की सत्यता की जांच करें।