
नोटबंदी की 8वीं सालगिरह फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 8 नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी के आठ साल पूरे होने पर भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। अखिलेश ने भाजपा की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसे इतिहास में ‘काले अध्याय’ के रूप में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर नोटबंदी के फैसले को विफल करार दिया और भाजपा पर ‘अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था’ बनाने का आरोप लगाया।
रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर स्थिति में
अखिलेश यादव ने नोटबंदी के आर्थिक प्रभावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 साल बाद भी देश की अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं हो पाई है। उन्होंने दावा किया कि 7 नवंबर को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, जो देश की कमजोर आर्थिक स्थिति का संकेत है। अखिलेश ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘भाजपा ने अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था बना दिया है। रुपया कहे आज का नहीं चाहिए भाजपा!
नोटबंदी उद्देश्य और प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध घोषित कर दिया था। सरकार ने दावा किया था कि इसका उद्देश्य काले धन को समाप्त करना और नकली मुद्रा पर अंकुश लगाना था।
नोटबंदी की घोषणा के बाद देशभर में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बैंकों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं और कई महीनों तक आम लोगों की दिनचर्या पर इसका असर रहा। हालांकि, बाद में 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए।
अखिलेश का आरोप- भाजपा की नीतियां विफल
अखिलेश यादव का आरोप है कि नोटबंदी के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार गिरावट का सामना कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या रुपये का कमजोर होना नोटबंदी की नाकामयाबी का संकेत है या भाजपा की नीतियों की विफलता?
सपा प्रमुख ने भाजपा पर व्यंग्य करते हुए कहा कि पार्टी अपनी नीतियों के असफलता को छुपाने के लिए डॉलर को ऊपर उठने का बहाना दे रही है। अखिलेश ने अपने पोस्ट में नोटबंदी के आठ सालों को अर्थव्यवस्था के इतिहास में “काले अध्याय” के रूप में दर्ज होने वाला समय बताया।