
सीएम योगी की फाइल फोटो।
लखनऊ [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में रेशम उद्योग और अन्य परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य की पिछली सरकारों की उपेक्षा की आलोचना की। उन्होंने लखनऊ में ‘सिल्क एक्सपो’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछली सरकारों की बेरुखी के कारण प्रदेश के किसानों और उद्यमियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस एक्सपो का आयोजन 22 से 28 अक्टूबर तक किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘रेशम मित्र’ पत्रिका का विमोचन किया और 16 किसानों, उद्यमियों, संस्थाओं व डिजाइनरों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान से सम्मानित किया।
रेशम उद्योग में पिछली सरकारों की असफलताएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि प्राचीन काल से उत्तर प्रदेश का किसान और उद्यमी रेशम उद्योग से जुड़ा रहा है, लेकिन पिछली सरकारों की बेरुखी के कारण इन्हें अपेक्षित सहयोग नहीं मिल सका। उचित प्रोत्साहन, डिजाइनिंग और पैकेजिंग की सुविधाओं का अभाव रहा, जिससे इन उद्योगों का विकास ठप हो गया।
रेशम उत्पादन में 84 गुना वृद्धि
योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधारों की सराहना करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने रेशम उत्पादन को 84 गुना बढ़ाने में सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश रेशम उत्पादन में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा, क्योंकि राज्य के पास इसकी अपार संभावनाएं और संसाधन मौजूद हैं।
रेशम उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने वर्ष 2017 के बाद से परंपरागत उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने परंपरागत उत्पादों के लिए विशेष नीति बनाई है। उन्होंने रेशम के क्लस्टर क्षेत्रों को तेजी से विकसित करने पर जोर देते हुए कहा कि लखनऊ में जल्द विकसित होने वाला ‘पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क’ भी इस दिशा में बड़े अवसर पैदा करेगा।