
Ayodhya File Photo
अयोध्या [ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क ] उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों अयोध्या दौरे पर हैं ,आज उनके दौरे का दूसरा दिन है। पता चला की आज मुख्यमंत्री योगी ने ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास की समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित किए। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के प्रथम अध्यक्ष ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास महाराज की बुधवार को 21वीं पुण्यतिथि है।
मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास से व्यक्तिगत संबंध रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु पूज्य महंत अवेद्यनाथ के साथ दिगंबर अखाड़ा के ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास भी राम जन्मभूमि के अगुआ रहे हैं। मुख्यमंत्री ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास महाराज की समाधि स्थल पर भी जाएंगे और वहां पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वह दिगंबर अखाड़ा में ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास महाराज की मूर्ति का अनावरण करेंगे। सीएम भंडारा कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।
राम मंदिर आंदोलन रही महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवेद्यनाथ के साथ राम मंदिर आंदोलन को परिणाम तक लाने में ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास की मुख्य भूमिका रही है। स्वयं योगी आदित्यनाथ ने भी इस आंदोलन को धार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी और राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा करके उन्होंने अपने गुरु अवेद्यनाथ की अंतिम इच्छा को भी पूर्ण किया।राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष रहे ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास की मृत्यु 1 अगस्त 2003 को हुई थी।वो राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार थे। उन्होंने 1949 से लेकर 1990 तक कई बार राम मंदिर के लिए आंदोलन किया।
दिगंबर अखाड़ा में हर साल आते हैं सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवेद्यनाथ और ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास घनिष्ठ मित्र थे। योगी आदित्यनाथ भी हर साल ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास की पुण्यतिथि पर अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा में जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं, जिसमें राम मंदिर आंदोलन की शुरुआती रणनीति बनाई गई थी। गोरखनाथ मठ की तीन पीढ़ियां मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं। सीएम योगी के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और अवेद्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन दिग्विजय नाथ का इस आंदोलन में खास योगदान रहा है।
राम मंदिर आंदोलन में गोरक्षपीठ की प्रमुख भूमिका
राम मंदिर आंदोलन में गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। योगी आदित्यनाथ के गुरु गोरक्षनाथ पीठ के महंत रहे अवेद्यनाथ मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा थे। वो श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष थे। महंत अवेद्यनाथ के ब्रह्मलीन होने बाद जब तक यह आंदोलन चला योगी आदित्यनाथ भी उसे धार देते रहे। वो हमेशा कहते रहे हैं कि राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं मेरे लिए जीवन का मिशन है।