
नोएडा फाइल फोटो।
नोएडा [TV 47 न्यूज नेटवर्क ] नोएडा के चाइल्ड पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (पीजीआई) में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने वेतन बढ़ोतरी और अन्य आवश्यक मांगों को लेकर हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल के चलते अस्पताल की कुछ स्वास्थ्य सेवाओं में असर देखने को मिल रहा है, हालांकि आपातकालीन सेवाएं अभी भी प्रभावित नहीं हो रही हैं।
वेतन में वृद्धि का मुद्दा
हड़ताल में शामिल 150 से अधिक अस्थाई कर्मचारी सुदर्शन कंपनी के माध्यम से नियुक्त किए गए थे। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले 6 वर्षों से वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं दी गई है, जबकि कंपनी ने प्रत्येक वर्ष 5% वेतन वृद्धि का वादा किया था। इसके अलावा, उन्हें अब तक ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं दिया गया है, जिससे उनके वेतन और अन्य सेवाओं की स्थिति अस्पष्ट है।
कर्मचारियों की शिकायतें
स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार अस्पताल प्रबंधन और एजेंसी को पत्र लिखने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। फार्मासिस्ट सुमित का कहना है कि उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। उन्हें न तो पीएफ मिल रहा है, न ही ज्वाइनिंग लेटर दिया गया है, जिससे उनके वेतन और नौकरी की स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो सकता।
पीजीआई में कार्यरत अन्य कर्मचारी
वर्तमान में, चाइल्ड पीजीआई में 140 से अधिक अस्थाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड ब्वॉय शामिल हैं। इसके अलावा, 60 से अधिक स्थायी कर्मचारी भी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हड़ताल के कारण स्थायी कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है, जिससे अस्पताल की कार्यक्षमता पर असर पड़ रहा है।
हड़ताल से प्रभावित स्वास्थ्य सेवाएं
हालांकि, अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं अभी भी चालू हैं, लेकिन हड़ताल से पीजीआई की अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में समस्या आ रही है। मरीजों को सेवाओं में देरी हो रही है, जिससे उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो आपातकालीन सेवाओं के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।
अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारियों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। प्रबंधन का कहना है कि वे वेतन बढ़ोतरी के मामले में एजेंसी से चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही स्थिति को सुधारने की योजना बना रहे हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है?
अगर कर्मचारियों की मांगों को जल्दी से पूरा नहीं किया गया, तो हड़ताल की स्थिति गंभीर हो सकती है और अस्पताल की सेवाओं पर और भी अधिक प्रभाव पड़ सकता है। इससे मरीजों को परेशानी हो सकती है और अस्पताल की छवि पर भी असर पड़ सकता है।