संपन्न हुआ छठ महापर्व की फाइल फोटो
पटना [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। छठ महापर्व, बिहार और पूर्वांचल का प्रमुख त्योहार, आज अपने अंतिम दिन पर है। यह पर्व सूर्य देव की पूजा के लिए जाना जाता है, जिसमें श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। वर्ष 2025 में, यह पर्व 28 अक्टूबर को अपने चरम पर है, और आज का दिन विशेष महत्त्व रखता है क्योंकि यह अंतिम दिन है। इस खबर में , हम छठ पूजा 2025 के लाइव अपडेट, सूर्यदेव की पूजा का समय, व्रत-उपवास की समाप्ति, और भक्तों की श्रद्धा का समर्पण विस्तार से बताएंगे।
छठ पूजा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व
छठ पूजा का इतिहास प्राचीन काल से माना जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता की उपासना का पर्व है, जो प्रकृति के प्रति श्रद्धा और श्रद्धालु की आस्था का प्रतीक है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में मनाया जाता है।
यह पर्व चार दिनों का होता है, जिसमें व्रत, उपवास, पूजा अर्चना और प्रसाद वितरण शामिल है। इसमें सूर्य को अर्घ्य देना, जल में डूबकी लगाना और नदी-तालाब में पूजा करना प्रमुख है।
2025 में छठ पूजा का समय और दिन
छठ पूजा का यह वर्ष खास है क्योंकि सूर्य उदय का समय लगभग सुबह 6:30 बजे माना गया है, हालांकि स्थान के अनुसार इसमें कुछ बदलाव हो सकता है।
| दिन | तिथि | गतिविधि | समय |
|---|---|---|---|
| पहला दिन | 26 अक्टूबर | नहाय खाय | सुबह 6:00 बजे |
| दूसरा दिन | 27 अक्टूबर | खरना और संध्या अर्घ्य | शाम 5:30 बजे |
| तीसरा दिन | 28 अक्टूबर | उषा अर्घ्य, सूर्य को अर्घ्य | सुबह 6:30 बजे |
| चौथा और अंतिम दिन | 28 अक्टूबर | सूर्य को अर्घ्य, व्रत समाप्ति | सूर्य उदय के साथ |
आज का दिन: अंतिम दिन की लाइव अपडेट
1. सूर्य उदय का समय और अर्घ्य का महत्त्व
वर्ष 2025 में, सूर्य का उगना लगभग सुबह 6:30 बजे माना गया है। इस समय के आसपास श्रद्धालु नदी, तालाब या किसी जलाशय के किनारे इकट्ठा होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह अर्घ्य श्रद्धा, श्रद्धालु की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है।
2. श्रद्धालुओं की तैयारियां और पूजा विधि
आज का दिन व्रतियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। व्रतियों ने पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा है। सुबह-सुबह स्नान कर, व्रत-पूजा की तैयारी शुरु हो जाती है। महिलाएं और पुरुष श्रद्धा के साथ जल में डुबकी लगाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
3. लाइव अपडेट्स: श्रद्धालुओं की श्रद्धा और उत्साह
- पटना, बिहार: हजारों श्रद्धालु नदी-तालाब के किनारे इकट्ठे होकर सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं।
- वाराणसी: घाटों पर भारी भीड़, दीप जलाए गए और श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाएं कह रहे हैं।
- लखनऊ: घर-घर में पूजा की तैयारियां, व्रतधारी महिलाएं और पुरुष जल में डुबकी लगाकर सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
- कोलकाता और नेपाल: श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ पूजा कर रहे हैं, हर जगह उत्साह का माहौल है।
विशेष आयोजन और परंपराएं
- संध्या अर्घ्य: सूर्यास्त के समय भी पूजा होती है, जिसमें श्रद्धालु दीप प्रज्ज्वलित करते हैं।
- उषा अर्घ्य: सूर्योदय से पहले श्रद्धालु फिर से पूजा करते हैं।
- प्रसाद: खीर, लिट्टी-चोखा, फल, और ठेकुआ का वितरण होता है।
- सामाजिक मिलन: यह पर्व सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है, जहां परिवार और समुदाय मिलकर पूजा करते हैं।
सोशल मीडिया और डिजिटल अपडेट्स
- ट्विटर, फेसबुक पर लाइव वीडियो: श्रद्धालु अपने पूजा के वीडियो और फोटो साझा कर रहे हैं।
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- यूट्यूब लाइव: कई स्थानों पर लाइव पूजा प्रसारण चल रहा है।
