
लखनऊ [ TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण के लिए 2019 में ध्वस्त किए गए मकान के मालिक को 25 लाख रुपये मुआवजा देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का विपक्षी दलों ने स्वागत किया। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बुलडोजर के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि अधिकारियों द्वारा आम आदमी के घरों को ध्वस्त करने का यह चलन सरकार को खुश करने के लिए किया जा रहा है।
उच्चतम न्यायालय का आदेश और उसकी महत्ता
उत्तर प्रदेश के महराजगंज में 2019 में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर एक व्यक्ति का घर बुलडोजर से गिरा दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पीड़ित व्यक्ति को 25 लाख रुपये का मुआवजा दें और इस ध्वस्तीकरण को अवैध ठहराया। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने स्पष्ट किया कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर रातों-रात किसी का घर नहीं गिराया जा सकता। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए अधिकारियों को इस मामले की गहन जांच करने के निर्देश दिए।
सपा और कांग्रेस का विरोध
इस आदेश के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सपा प्रवक्ता शरवेंद्र बिक्रम सिंह ने कहा कि अधिकारी सरकार को खुश करने के लिए आम आदमी के घरों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “बुलडोजर का यह दुरुपयोग तत्काल बंद होना चाहिए। लोग जीवन भर मेहनत करके अपना घर बनाते हैं, और इसे अवैध रूप से गिरा देना एक अपराध है।” सपा ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है और कहा कि इस तरह के कृत्य से समाज में असंतोष फैल रहा है।
कांग्रेस के प्रांतीय प्रवक्ता मनीष हिंदवी ने भी उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोजर राजनीति का सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “अधिकारी अपनी सरकार को खुश करने के लिए घरों को तोड़ने को फैशन बना चुके हैं।” कांग्रेस ने इस पर जोर देते हुए कहा कि यह गतिविधि अवैध और गैरकानूनी है, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बुलडोजर की राजनीति का नतीजा
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने बुलडोजर का इस्तेमाल केवल राजनीति और सत्ता के प्रभाव को मजबूत करने के लिए किया है। अधिकारियों द्वारा किए गए इस दुरुपयोग ने न केवल आम जनता के जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि यह एक असंवेदनशील प्रशासन की ओर इशारा करता है। विपक्षी दलों ने मांग की है कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए और बुलडोजर के दुरुपयोग पर अंकुश लगाया जाए।