
Prayagraj Bharat Milap News File Photo
प्रयागराज, [ TV47 न्यूज़ नेटवर्क] – लोकनाथ चौराहे पर हर वर्ष की तरह इस साल भी ऐतिहासिक भरत मिलाप का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु एकत्रित हुए और रामायण के इस महत्वपूर्ण प्रसंग का साक्षात अनुभव किया। दशहरे के अगले दिन मनाया जाने वाला यह उत्सव भाईचारे, प्रेम, और त्याग का प्रतीक है, जिसमें भगवान राम और उनके भाई भरत के मिलन को दर्शाया जाता है।

जीवंत झलकियां
इस वर्ष, 13 अक्टूबर की शाम लोकनाथ चौराहा श्रद्धालुओं से भरा हुआ था। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान राम, लक्ष्मण, और भरत की झांकियों के साथ हुई। कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में इस भावपूर्ण दृश्य को प्रस्तुत किया, जिससे श्रद्धालुओं का हृदय श्रद्धा और भक्ति से भर गया। ‘जय श्री राम’ के नारों ने पूरे वातावरण को गूंजित कर दिया।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
प्रयागराज का भरत मिलाप सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। हर उम्र के लोग इसे बड़े श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस साल का आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में विशेष रहा, क्योंकि लगभग 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया।

सुरक्षा और व्यवस्था
इस भव्य आयोजन के दौरान प्रयागराज पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

प्रयागराज के रामनिवास शर्मा ने कहा, “हर साल इस आयोजन में भाग लेना एक आध्यात्मिक अनुभव होता है।” वहीं, वाराणसी से आई श्रद्धालु अनीता देवी ने कहा, “भरत मिलाप का दृश्य देखकर ऐसा लगा जैसे भगवान राम और भरत हमारे सामने हैं।”
13 अक्टूबर 2024 को प्रयागराज के लोकनाथ चौराहे पर हुए इस भरत मिलाप उत्सव ने एक बार फिर से धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा। इस आयोजन ने प्रेम, त्याग और भाईचारे का संदेश समाज में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।