
भाई दूज क्या है मुहुर्त का समय
प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। भाई दूज एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह त्योहार दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है और इसे भाई दूज, भाई तीज और भाई दूज तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
भाई दूज का महत्व
भाई दूज का त्योहार भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। इसके बाद भाई अपनी बहनों को प्यार और स्नेह से भरे उपहार देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है और परिवार में प्रेम का संचार करता है।
भाई दूज कब है?
भाई दूज का त्योहार कार्तिक शुक्ल द्वादशी को मनाया जाता है। इस बार भाई दूज का त्योहार 13 नवंबर 2024 (मंगलवार) को मनाया जाएगा।
भाई दूज का मुहुर्त
- भाई दूज तिथि: 3 नवंबर 2024
- द्वादशी तिथि आरंभ: 3 नवंबर 2024 को सुबह 7:32 बजे से
- द्वादशी तिथि समाप्त: 4 नवंबर 2024 को सुबह 6:18 बजे तक
इस दिन भाई दूज की पूजा सुबह या दिन के समय की जाती है। भाई दूज पर पूजा का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसे ध्यान से देखा जाना चाहिए।
भाई दूज पूजा विधि
- भाई दूज की पूजा विधि सरल है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को स्नान करवा कर नए कपड़े पहनाती हैं और फिर उनके लिए विशेष भोजन बनाती हैं। पूजा के दौरान
- बहनें भाइयों के माथे पर तिलक करती हैं।
- उनकी आरती उतारती हैं और उन्हें मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थ भेंट करती हैं।
- भाई अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को बढ़ाता है और आपसी प्रेम को मजबूत करता है। इस दिन की रौनक और खुशियों का अनुभव हर परिवार में होता है। भाई दूज के इस पर्व को मनाने से रिश्तों में स्नेह और सामंजस्य बना रहता है।