
रामगोपाल मिश्रा के परिवार को नजरबंदी फाइल फोटो।
बहराइच [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। बहराइच हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। रामगोपाल मिश्रा के परिवार को नजरबंदी जैसी स्थिति में रखा गया है, और मीडिया और नेताओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। ग्रामीणों की दिनचर्या बाधित है और वे असहज महसूस कर रहे हैं।
बहराइच जिले में विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गांव रेहुवा मंसूर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है। रामगोपाल मिश्रा के परिवार को नजरबंद जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया और नेताओं के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
गांव में चारों तरफ बैरिकेटिंग, पुलिस का सख्त पहरा
रेहुवा मंसूर गांव के चारों ओर पुलिस ने बैरिकेटिंग कर रास्तों को बंद कर दिया है। खर्चहा चौराहा, सोतिया भट्ठा, महेशपुरवा, और रेहुवा मोड़ पर पुलिस ने बांस-बल्ली लगाकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया है। इन स्थानों पर पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात हैं, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य
गांव में प्रवेश के लिए ग्रामीणों से आधार कार्ड दिखाने की मांग की जा रही है। पुलिस द्वारा हर व्यक्ति की पहचान की जा रही है और केवल उनके आधार कार्ड देखकर ही उन्हें गांव में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। इस प्रक्रिया से ग्रामीणों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है और लोग परेशान हो रहे हैं।
मीडिया और नेताओं के प्रवेश पर सख्त रोक
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मीडिया और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के गांव में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। यह निर्णय स्थिति को और न बिगड़ने देने के लिए लिया गया है। पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों को प्रवेश करने से नहीं रोका जा रहा, लेकिन मीडिया और नेताओं के आगमन पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
परिवार पर नजरबंदी जैसी स्थिति
रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद से उनके परिवार पर कड़ा पहरा लगाया गया है। परिवार के सदस्यों से मिलने पर भी रोक लगा दी गई है, जिससे उनका जीवन नजरबंदी जैसा हो गया है। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस उन्हें भी परिवार से मिलने नहीं दे रही है।
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