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ग्रेटर नोएडा,[TV 47 न्यूज़ नेटवर्क]। बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, जब ऑस्ट्रिया का 24 सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश में निवेश के नए अवसरों की खोज में अधिकारियों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण चर्चा की। ऑस्ट्रिया के टाइरोल इकोनॉमिक चैंबर के वाइस प्रेसीडेंट मैनफ्रेड प्लेजर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर भारत आया है, और ग्रेटर नोएडा में टूरिज्म, स्टार्टअप, कौशल विकास, रिसर्च, ड्रोन और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को समझने के लिए बैठक आयोजित की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की इच्छाशक्ति जताई
इस बैठक में राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न अधिकारी भी उपस्थित थे, जिनमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, यीडा की एसीईओ श्रुति व अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। सीईओ एनजी रवि कुमार ने अपनी प्रस्तुतिकरण में उत्तर प्रदेश की आर्थिक और विकासात्मक संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने मथुरा, काशी और अयोध्या में टूरिज्म के अवसरों के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर की महत्वता को भी रेखांकित किया।
ग्रेटर नोएडा का इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश के अवसर
सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडा के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, जैसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डाटा सेंटर, नॉलेज हब, और मास्टर प्लान 2041 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने इन सभी परियोजनाओं और निवेश अवसरों पर संतोष व्यक्त किया।
ज्वाइंट वेंचर और परस्पर सहयोग की इच्छा
ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधिमंडल ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए ज्वाइंट वेंचर और निवेश के नए रास्ते तलाशने की इच्छा व्यक्त की। विशेष रूप से, स्टार्टअप, टेक्नोलॉजी, ड्रोन और कौशल विकास के क्षेत्रों में ऑस्ट्रिया और भारत के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।
ऑस्ट्रिया प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का महत्व
इस दौरे का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि ऑस्ट्रिया और भारत के बीच निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग और समझ को नया आयाम मिला। प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय संस्कृति और व्यंजनों का भी आनंद लिया और भारतीय वाणिज्यिक अवसरों की सराहना की।