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प्रयागराज [ TV 47 न्यूज नेटवर्क ]। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसदों और विधानसभाओं के सदस्यों के खिलाफ वर्षों से लंबित आपराधिक मामलों का जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दाखिल एक याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल की एकलपीठ ने गुरुवार को इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने 20 से 30 वर्षों से अधिक पुराने मामलों के विवरण मांगे थे, जिनमें कई जिले शामिल हैं, जैसे इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, फैजाबाद, गाजीपुर, लखनऊ और सोनभद्र।
लंबित मामलों का विवरण
कोर्ट को प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, एक मामला इलाहाबाद में, चार अंबेडकर नगर में, एक फैजाबाद/अयोध्या में, एक गाजीपुर में, दो लखनऊ में और एक मामला सोनभद्र में पिछले 30 वर्षों से लंबित है। इन मामलों के निस्तारण में देरी से न्याय प्रक्रिया बाधित हो रही है।
अपर महाधिवक्ता की रिपोर्ट
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को सूचित किया कि विशेष अभियोजन अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी लंबित प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इस पर कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर सभी मामलों की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, एमपी/एमएलए अदालतों के पीठासीन अधिकारियों को भी 20 वर्ष से अधिक पुराने सभी लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।
आगामी सुनवाई की तारीख
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सभी लंबित मामलों का डेटा संकलित किया जाएगा और 10 दिसंबर 2024 को कोर्ट के समक्ष सारणीबद्ध चार्ट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि न्याय प्रक्रिया तेज हो और मामलों का शीघ्र निपटारा हो, यह कदम आवश्यक बताया गया है।