
प्रयागराज [TV 47 न्यूजनेटवर्क] । Allahabad High Court News: चीफ जस्टिस के आश्वासन के बाद हाई कोर्ट बार एसोएसिएशन के पदाधिकारियों ने अपनी हड़ताल को 15 दिनों के लिए स्थगित किया है। बार पदाधिकारियों ने जोर देकर कहा कि अगर 15 दिनों में हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो यह हड़ताल पुन: शुरू होगी। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील अपनी तमाम मांगों को लेकर आज लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। वकीलों की हड़ताल के चलते हाईकोर्ट में आज भी मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकी। हाईकोर्ट के साथ ही आज जिला कोर्ट के वकील भी हड़ताल पर रहे।
खुद को भगवान समझने लगे हैं न्यायमूर्ति
TV 47 news.com से बातचीत में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि न्यायमूर्ति गण खुद को भगवान समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह रवैया अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए हमारी जान भी जाए तो हम तैयार है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल चीफ जस्टिस के आश्वासन के बाद 15 दिनों के लिए स्थगित की गई है, खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्ट्राचार को खत्म करना है। दूसरा, लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय हासिल हो। तीसरा उद्देश्य रूल आफ ला को कायम करना है। उन्होंने कहा कि जज खुद को खुदा मान कर कानून को तोड़ रहे हैं। मेरा विरोध माई लार्ड शब्द पर भी है।
हम 28 जुलाई तक इंतजार करेंगे
- हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विक्रांत पांडेय का कहना है कि हम 28 जुलाई तक इंतजार करेंगे। चीफ जस्टिस के आश्वासन पर बार के पदाधिकारियों को पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा चीफ जस्टिस महोदय ने हम लोगों को भरोसा दिया है कि हमें एक सप्ताह का समय दीजिए, लेकिन बार के पदाधिकारियों ने 15 दिन का समय दिया है। अगर तय समय में हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो हमारी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई अदालत की गरिमा और अधिवक्तओं की अस्मिता की सुरक्षा को लेकर है। अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यहार किया जा रहा है।
- उन्होंने कहा कि अधिवक्ता की जानकारी कम या ज्यादा हो सकती है, लेकिन सुनवाई के दौरान उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। अधिवक्ताओं को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत अपने हिसाब से मनमानी काम कर रही है। इस बाबत हाईकोर्ट की रूलिंग है। उसको नजरअदांज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय को यह समझना चाहिए कि हम उनका ही एक अंग है। उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी के चलते मुकदमों का रिवाईस का काम ठप है। कई बार मुकदमों को एडवर्स कर दिया जाता है।
- गौरतलब है कि वकीलों की यह हड़ताल अधिवक्ताओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, अदालतों की मनमानी, मुकदमों को रिवाइज करने की पुरानी पद्धति नहीं माने जाने, हाई कोर्ट रूल्स में बदलाव के बिना ही फाइलिंग में रिपो। उन्हें पारदर्शी तरीके से और जल्दी न्याय मिलेगा।