
इलाहाबाद हाई कोर्ट फाइल फोटो।
प्रयागराज [TV 47 न्यूजनेटवर्क ]: इलाहाबाद हाई कोर्ट की प्रधान पीठ प्रयागराज में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी अधिवक्ता न्यायिक कामकाज से विरत रहे। उन्होंने शुक्रवार 12 जुलाई को भी न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के संयुक्त सचिव (प्रेस ) पुनीत शुक्ला ने यह जानकारी दी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने कहा कि न्यायमूर्ति गण खुद को भगवान समझने लगे हैं और अधिवक्ताओं को इंसान। यह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी लड़ाई वादकारियों के हित और हक की है।
हाई कोर्ट में अधिवक्ता विक्रांत पांडेय (महासचिव, हाई कोर्ट बार एसोसिशन) का कहना है कि यह लड़ाई अदालत की गरिमा और अधिवक्ताओं की अस्मिता की सुरक्षा को लेकर है। अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता की जानकारी कम या ज्यादा हो सकती है, लेकिन सुनवाई के दौरान उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। अधिवक्ताओं को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत अपने हिसाब से मनमानी काम कर रही है। इस बाबत हाईकोर्ट की रूलिंग है। उसको नजरअदांज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय को यह समझना चाहिए कि हम उनका ही एक अंग है। उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी के चलते मुकदमों का रिवाईस का काम ठप है। कई बार मुकदमों को एडवर्स कर दिया जाता है।
हाई कोर्ट में अधिवक्ता राजेश खरे (सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, हाईकोर्ट बार ऐसोसिएशन) का कहना है कि इसके साथ हमारी प्रमुख मांग ई फाइलिंग की है। ई फाइलिंग एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि आज गवर्निंग बाडी की प्रमुख बैठक होगी। इसमें चीफ जस्टिस के साथ सीनियर छह जजों के साथ बार के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। अगर इस बैठक में हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो यह हड़ताल जारी रहेगी।